पूर्व राज्यमंत्री उ.प्र.चौ.उदयभान सिंह की धर्मपत्नी स्व.श्रीमतीशान्ती देवी की शोक सभा में आगरा के गणमान्य समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित।

          

                       


हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा: स्व.श्रीमती शान्ती देवी धर्मपत्नी चौ. उदयभान सिंह पूर्व राज्यमंत्री उ.प्र. का निधन दिनांक 23 अक्टूबर, 2023 दिन सोमवार को हो गया था। आज दिनांक 25 अक्टूबर, 2023 को सायं 4-5 बजे 212, जयपुर हाउस के सामने रामलीला पार्क में उठावनी आयोजित की गयी, जिसमें परिवार के लोगों के साथ, आगरा जिले एवं आगरा से बाहर के लोग श्रद्धांजली सभा में उपस्थित रहे।

श्रद्धांजलि सभा में महापौर श्रीमती हेमलता दिवाकर, माननीय सांसद एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष किसान मोर्चा श्री राजकुमार चाहर,राजा अरिदमन सिंह जी, जिला अध्यक्ष-गिर्राज कुशवाहा, महानगर अध्यक्ष भानू महाजन, पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय जी फतेहाबाद विधायक - छोटेलाल वर्मा जी, प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व विधायक रामप्रताप चौहान, पूर्व मंत्री रामसकल गुर्जर, पूर्व विधायक कालीचरन सुमन, पूर्व विधायक महेश गोयल, बबीता चौहान जी, जितेन्द्र चौहान,हाजी अल्ताफ, प्रमोद गुप्ता,ओम प्रकाश ( चलनी वाले)आदि उपस्थित थे।

शोकसभा में बड़ी संख्या आगरा एवं आसपास के लोगों ने भाग लिया।

 श्रीमती शान्ती देवी का जन्म 10 जनवरी, 1948 को किरावली तहसील के अन्तर्गत गांव - बघा सौनिगा में विख्यात - असरदार किसान परिवार में सूरजमल - कुंवरजी पहलवान परिवार में हुआ

 था ।

ये चार बहन और दो भाई में सबसे बड़े भाई से छोटी थी। अपने परिवार में इनकी पहचान भाग्यशाली बच्चे के रूप में जानी व पहचानी जाती थी।

कक्षा - पांच तक गाँव के ही सरकारी विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर घरेलू कार्यों में विशेषता हांसिल की ।

22 फरवरी, 1966 में इनकी शादी बहुत ही धूम-धाम से रचाई गई थी। इनके पिता ने सात दिनों तक बारात को विदा नहीं किया था। बाराती छिप-छिपाकर जाने लगे,तब इनके पिता सूरजमल एवं ताऊ कुंवर जी ने अपनी बेटी को उदयभान सिंह जी के साथ विदा किया था ।

इन्होंने अपनी सास - श्रीमती प्रयाग देवी की सेवा इतनी अधिक थी जो कि परिवार और समाज में चर्चा का विषय बन गया था ।

बहू कैसी हो इसका उत्तर परिवार - कुटुम्ब खानदान में शान्ती देवी का नाम लेकर लोग उदाहरण दिया करते थे।

शान्ती देवी ने पांच बच्चों को जन्म दिया। उनका लालन-पालन बेहद प्यार से किया सबको उच्च शिक्षा और संस्कारित योग्य और विश्वसनीय बनाया ।

वे बेहद सभ्य, सौम्य और सरल व्यक्तित्व की धनी थी। दान देने में बहुत रूचि रखती थी ।

सेवक-सेविकाओं को अपनी सन्तान की तरह प्यार करती थी। कभी-भी रसोई का ताला नहीं लगाया।

ससुराल - मायका पक्ष दोनों परिवारों में कोई भेद नहीं रखती थी ।

रिश्तेदारों के सैकड़ों बच्चों को अपनी छत्रछाया में रखना, अपने बच्चों की तरह अपने घर में रखना, खिलाना - पिलाना एवं उनको पढ़ाना-लिखाना उनकी जीवनशैली का महत्तपूर्ण अंग था ।

गांव-किसान - गरीब, असहाय - निर्बल लोगों को सहयोग करने को हमेशा तत्पर रहती थीं। वर्ष 2017 को पहली बार कैंसर की जानकारी प्राप्त हुई। एम्स, नई दिल्ली में उपचार हुआ। 2017 से 2022 तक मात्र दूध - पानी पर जीवन चलाया।

मई 2023 में पुन: कैंसर ने जन्म ले लिया नई दिल्ली, सर गंगाराम हॉस्पीटल एवं दिनांक 18 जुलाई से 20 अगस्त 2023 तक टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पीटल मुम्बई में उपचारत् रहीं ।

दिनांक 21 अगस्त, 2023 से अपने स्वयं के ही मैक्स फोर्ट हॉस्पीटल, नेहरू नगर, आगरा में उपचारत् रही।

अन्त में एक सप्ताह अपने निज निवास के कक्ष में जिसमें वे रहती व शयन करती थीं विख्यात चिकित्सकों की देख-रेख में उपचारत् रहीं ।

दिनांक 23 अक्टूबर, 2023, नवरात्रि - नौवी तिथि के अमृतकाल - ब्रह्ममुहूर्त में प्रातः 5 बजकर 09 मिनट पर अन्तिम सांस ली।

श्रीमती शान्ती देवी जी ने अपने पति चौ. उदयभान सिंह, पौत्रवधु डॉ. आंचल चौधरी एवं अन्य परिजनों के समक्ष अन्तिम सांस ली।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।