हिन्दुस्तान वार्ता।
राजधानी लखनऊ के इको गार्डन स्थित धरना स्थल पर अपने दो दिवसीय धरने के दौरान शुक्रवार को आशा बहुओं ने बहुत बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर योगी सरकार को चेतावनी देते हुए विधानसभा कूच करने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस के रोकने पर इनकी प्रशासन से झड़प भी हुई ।
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दो लाख परिवारों का प्रतिनिधित्व करती हैं आशा बहुएं।
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आशा बहुओं का सरकार पर आरोप है कि आशा बहुओं से पूर्ण कर्मचारियों की तरह हाड़ तोड़ काम लेने के बाद भी सरकार उनको मात्र 1500 रुपए देती है, वो भी कभी भी समय पर नहीं मिलता इस पैसे के लिए भी उनकी तरफ से कागज भरने में मामूली चूक हो जाए तो वो भी नहीं दिया जाता।
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आशा बहुओं को मिला राष्ट्रीय लोकदल का साथ।
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बंधुआ मजदूरों से बदतर स्थिति में काम करने को मजबूर हैं आशा बहुएं और आशा संगीनिया। पन्द्रह सौ रुपए में कैसे कोई अपना घर चलाएगा और कैसे इससे घर का राशन, बच्चो की शिक्षा, स्वास्थ्य की मूलभूत आवश्यकता पूरी करे ये आज भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
आशा बहुओं की नेता पुष्पा तिवारी ने बताया कि योगी सरकार ना तो, आशा बहुओं को सरकारी आवास योजना का लाभ दे रही है और ना ही उनका आयुष्मान कार्ड ही बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि न ही हमारे बच्चों की शिक्षा ही सरकार सुनिश्चित कर पा रही है।
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छलका आशा बहुओं और आशा संगीनियों का दर्द।
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उनका कहना है कि रोजाना 10 या 15 रुपए पर काम करने को मजबूर किया जा रहा है और काम में कोई मानवीय त्रुटि हो जाए तो अधिकारी अपमानित करने और धमकाने से पीछे नहीं हटते।
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राष्ट्रीय लोकदल ने आशा बहुओं और आशा संगीनियों को अपना पूर्ण समर्थन देने का किया ऐलान।
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अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह का संदेश लेकर लखनऊ महानगर के अध्यक्ष आशीष तिवारी ने आशा बहुओं को राज्यकर्मियों का दर्जा दिलाने की मांग का समर्थन किया और इसे विधानसभा से लेकर संसद तक पार्टी अपना समर्थन देगी, यही नहीं इसके लिए यदि सड़कों पर संग्राम करना पड़ा तो उससे भी पीछे नहीं हटेगी।
इस अवसर पर राष्ट्रीय लोकदल के महानगर के नगर प्रवक्ता एस पी पाठक , महासचिव रोहित सैनी नितिन , उपाध्यक्ष रिपुंजय शर्मा और आदित्य सिंह राठौर और अन्य लोग मौजूद रहे।
(ब्यूरो)