केन्द्र सरकार ने नये स्वरूप में पुनः की है लाँन्च।
सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के लिए जैड सर्टिफिकेट है जरूरी।जेड सर्टिफिकेशन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता है,निर्यात व्यापार में होती है सुविधा।
जैड सर्टिफिकेशन पर होने वाले व्यय में सरकार देती है प्रतिपूर्ति हेतु सब्सिडी।
लगभग 30 विनिर्माता इकाईयों को वितरित किये गये जेड सर्टिफिकेट।
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा: 07 अक्टूबर,होटल पी0 एल0 पैलेस, संजय प्लेस,आगरा में सायं 4 बजे एस्ट्रालियस सर्विस प्राइवेट लिमिटेड सहयोग से जैड सर्टिफिकेशन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें एस्ट्रालियस सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के सीनियर अवेयरनेस कंसलटेंट अंकित सिंह एवं निदेशक कृष्ण कुमार ठाकुर द्वारा जैड सर्टिफिकेशन (जीरो डिफेक्ट एवं जीरो इफेक्ट) के सम्बन्ध में पीपीटी द्वारा विस्तृत जानकारी प्रदान की तथा उद्यमियों द्वारा उत्तर सतोष जनक दिया। कृष्ण कुमार ने जानकारी दी। आगरा लगभग 50 उद्योगों में सर्वे हो चुका है।
इस अवसर पर चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने बताया कि इस कार्यशाला में हमारे उद्योगों में जागरूकता आएगी। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं बनाई जा रही हैं।
हमें सेल्फ ऑडिट करना जरुरी है। विनिर्माता इकाइयों के लिए जैड सर्टिफिकेशन कराना उनके बहुत ही हित में है। इससे हमारे उद्योगों में स्पिरिट आती है। हमारे उत्पाद की वैल्यू बढाती है। आत्मा विश्वास बढ़ता है। इस पद्धति में उत्पाद के लागत मूल्य में स्वतः ही कमी आती है और गुणवत्ता में वृद्धि होती है। जिससे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा में आसानी होती है और विनिर्माता इकाई इससे लाभान्वित होती हैं। यही नहीं,कई विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी प्राप्त होता है।
आज की यह कार्यशाला आस्ट्रेलियस सर्विस प्रा0लि0 के सहयोग से आयोजित की गई है। इसके दूरगामी परिणाम बहुत ही अच्छे होंगे। जिन उद्यमियों ने जेड सर्टिफिकेशन के लिए इच्छा जताई है उनमें शीघ्र सर्वे करके सर्टिफिकेट दिलवाए जायेंगे।
एमएसएमई इकाई प्रकोष्ठ के चेयरमैन संजय गोयल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा एमएसएमई उद्योग के लिए जैड सर्टिफिकेशन योजना को नये स्वरूप में लॉन्च किया गया है। जैड सर्टिफिकेशन एमएसएमई विभाग के तहत मशीनरी की खरीद पर सब्सिडी प्राप्त हेतु आवश्यक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमएसएमई विकास एवं सुविधा कार्यालय आगरा के उपनिदेशक बृजेश कुमार यादव,आइईडीएस ने बताया कि एमएसएमई डीएफओ आगरा, 6 मंडल एवं 22 जनपदों को कवर करता है।
जैड सर्टिफिकेट विनिर्माता इकाईयों के लिए बहुत जरूरी है। इसे सरकार द्वारा नये स्वरुप में लाया गया है।
जेड सर्टिफिकेशन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता है। हमारी सरकार का मेक इन इंडिया एवं आत्मनिर्भर भारत पर भारी फोकस है। जेड सर्टिफिकेशन इन योजनाओं को अग्रसर करने में सहायक है। निर्यात करने वाली इकाइयों के माल की वापस होने की संभावना बहुत कम होती है। अतः निर्यात व्यापार को इससे बढ़ावा मिलेगा। यदि कोई विनिर्माता इकाई जैड सर्टिफिकेशन कराना चाहती है तो उसे जैड सर्टिफिकेशन पर होने वाले व्यय पर भी सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की सब्सिडी दी जाती है। सूक्ष्म विनिर्माता इकाई को 80 प्रतिशत,लघु विनिर्माता इकाई को 60 प्रतिशत तथा मध्यम विनिर्माता इकाई को 50 प्रतिशत छूट होने वाले व्यय में दी जाती है। जेड सर्टिफिकेशन की 3 श्रेणियां है १. ब्रॉन्ज़ - इसमें 5 पैरामीटर, २. सिल्वर - इसमें 14 पैरामीटर तथा 3. गोल्ड - इसमें उद्योगों को 20 पैरामीटर पुरे करने होते हैं। इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए एमएसएमई विकास एवं सुविधा कार्यालय आगरा में संपर्क किया जा सकता है।
आज की कार्यशाला में काफी संख्या में विनिर्माता इकाईयों को जैड सर्टिफिकेट बिना किसी भुगतान के प्रदान किये गए।
कार्यशाला में चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष मनोज बंसल, कोषाध्यक्ष राजेश जिंदल, एमएसएमई इकाई प्रकोष्ठ के चेयरमैन संजय गोयल, पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा,शिव कुमार अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, शलभ शर्मा, सदस्यों में सतीश अग्रवाल, अशोक अरोरा, संजय अरोरा, मयंक मित्तल, दीपक मनचंदा, राजेश अग्रवाल, सचिन सारस्वत,टी एन अग्रवाल,अग्रवाल, रीतेश गोयल, जय प्रकाश अग्रवाल, अम्बा प्रसाद गर्ग,कन्हैया राठौर, राजेश खुराना ब्रिज मोहन रेपुरिया, अलोक अग्रवाल अग्रवाल, दिनेश दिनेश जैन, राजेंद्र गर्ग, राजीव गुप्ता आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।