महादेव की पूजा बिन नहीं मिलती राधा-कृष्ण की भक्ति: व्यास पंडित प्रदीप मिश्रा जी।

 


- कामवन में माता गौरी की कामना पूर्ण होने पर कहलाये,कामेश्वर महादेव।

- बृज चौरासी क्षेत्र में पड़ने वाले कामवन (कामां) का वर्णन कर बताया कामेश्वर महादेव के विराजमान होने का रहस्य।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

कोसीकलां (मथुरा)। शिवलिंग पर चढा हुआ बेलपत्र ही धोकर भगवान शिव का स्मरण कर पुनः शिवलिंग पर अर्पित कर दिया जाए तो भी भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्त की मनोकामना को पूर्ण कर देते हैं । ऐसे हैं हमारे भोले नाथ, बृज में रहकर भी जो व्यक्ति भगवान शिव का गुणगान नहीं करता उस व्यक्ति को राधा कृष्ण की भक्ति नहीं प्राप्त होती । यह बात शिव भक्तों के सैलाब को समझाते हुए श्री गौरी गोपेश्वर शिव महापुराण कथा के विश्व विख्यात मर्मज्ञ पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कही।  रविवार को कोसीकलां के अजीजपुर सीमा क्षेत्र  स्थित श्रीजी निकुंज में श्री गौरी गोपेश्वर शिव महापुराण कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने भक्तों को कथा श्रवण कराते हुये कहा कि ब्रज में रहकर जो शिवजी के नाम का स्मरण नहीं करता है, उसे राधा कृष्ण की भक्ति प्राप्त नहीं होती है । उन्होनें कहा कि एक बार कामवन में माता गौरी तप के लिये बैठ गयीं तब भगवान भोलेनाथ माता गौरी को ढूंढते हुये कामवन पहुचें उन्हे तप में लीन देख भोलेनाथ ने माता गौरी से कहा तुम यहां पर क्यों बैठी हो । इस पर माता गौरा ने उल्टा उत्तर में कहा कि तुम चौबीस घण्टे किसके ध्यान में रहते हो । भोलेनाथ ने माता से सरलता से पूछा कि इस उत्तर को खोजने के लिये तुम कामवन में तप कर रही हो । इस पर भोलेनाथ शिव शंकर ने बताया कि मैं चौबीस घण्टे ब्रज के देव भगवान् श्रीकृष्ण के ध्यान में लीन रहता हूँ । माता गौरा ने भोलेनाथ से कहा कि भगवान श्रीकृष्ण तो स्वयं राधा नाम का स्मरण करते हैं और राधा जी,श्रीकृष्ण नाम का स्मरण करती हैं ।

 माता गौरा जिज्ञासा वश महादेव से पूछती हैं राधा तत्व क्या है ! तब महादेव कहते है मैं राधा नाम का गुणगान नहीं कर सकता इसके लिये मैं श्रीकृष्ण का ध्यान करके लीन होता हूं तो भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा ही राधा नाम की महिमा का गुणगान किया जायेगा । ध्यान में लीन भगवान भोलेनाथ गौरा को बताते हैं कि राधा नाम रस है और राधा नाम ही औषधि है। माता गौरा के द्वारा भगवान भोलेनाथ से पूछे गये नशे में रहने की बात पर भोले ने सरलता से कहा कि उन पर चौबीस घण्टे भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का नशा रहता है और जो भी भगवान कृृष्ण की भक्ति का नशा करता है उसकी सुध बिसर जाती है।

  माता गौरा ने भगवान भोलेनाथ से कहा कि जिस तरह से आज यहाँ मेरी कामना कामवन पूर्ण हुई है, उसी तरह से इस कामवन में आने वाले सभी भक्तों की कामना पूर्ण करना । उसी दिन से भगवान भोलेनाथ कामेश्वर नाथ के रूप में वहां विराजमान है ब्रज चैरासी कोस की परिक्रमा के दौरान यह कामवन आता है और भक्त सच्चे मन से कामश्वेर महादेव से अपनी कामना के लिये प्रार्थना करते हैं तो भगवान कामेश्वर महादेव भक्त की कामना को पूर्ण करते हैं।

 कथा से पूर्व मुख्य यजमान सुभाष चंद बांसईया रेनू बांसईया सौरभ बांसईया सोनल बांसईया ने सयुंक्त रूप से शिवमहापुराण की आरती उतारकर कथा का शुभारम्भ किया । वहीं कथा के समापन पर स्थानीय विधायक व प्रदेश सरकार के कद्दावर कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण आदि ने भी व्यास पीठ की आरती कर तीसरे दिन की कथा का समापन किया । समाजसेवी कमल किशोर वार्ष्णेय, पालिकाध्यक्ष धर्मवीर अग्रवाल, व्यवसायी दिनेश बठैनिया, श्री कोसी अग्रवाल सभा अध्यक्ष वेद प्रकाश गोयल "वेदी", श्री रामलीला संस्थान कोसीकलां के समनव्यक्, पूर्व अध्यक्ष राहुल जैन, मंत्री मुकेश जैन, अखिल जैन, विनोद जैन, अजय कुमार वार्ष्णेय, सभाषद लवली वर्मा, प्रभात जागृति मंच के संयोजक जमुना प्रसाद मिश्रा, श्री बजरंग स्कूल के प्रबन्ध निदेशक लोकेंद्र पाराशर, कपिल गर्ग बृजवासी आदि आदि सैंकडों लोगों का सहयोग निरंतर जारी है । इसी के चलते इतना वृहद् स्तर पर आयोजन का सफल संचालन हो रहा है ।

शिव भक्तों की आस्था ने बनाया,मिनी कुंभ का नजारा।

कोसीकलां । श्री जी निकुंज में चल रही शिव महापुराण कथा में मिनी कुंभ का सा नजारा नज़र आ रहा है, हर ओर शिव भक्तों का सैलाब ही सैलाब है । अनगिनत असंख्य नर_नारी, बूढ़े_जवान सभी की एक ही लालसा कि शिव महापुराण के कुछ अंश उनके हृदय पटल पर पड़ जाएं तो उनका जीवन सफल हो जाए । इसी आस्था को लिए देश के कौने कौने से पधारे शिव भक्तों ने बृज चौरासी में पड़ाव डाला है, चारों ओर से आने वाली बस, ट्रेन ट्रक व टैंपो आदि में श्रद्धालुओं का इस समय एक ही स्थान बना श्री गोपी गोपेश्वर शिव महापुराण कथा स्थल । यही कारण हैं यहां हरएक को मिनी कुंभ का सा नजारा नज़र आ रहा है, सड़क के किनारे सर्विस रोड़ पर विभिन्न वस्तुओं  खान-पान आदि की सैंकडों अस्थाई दुकानें संचालित हो गई हैं ।

#नंद_कोषस्थली #कुश_आधिपत्य_स्थली #बृज_द्वारिका #कुशवन

रिपोर्ट-बी.एस.शर्मा'उपन'