शंकर जी..औघड हैं,दयालु हैं,दातार हैं:व्यास पंडित प्रदीप मिश्रा जी।



एकांतेश्वर महादेव की पूजा करने से मिलती है,सभी कष्टों से मुक्ति।

सरकार द्वारा बनाए जा रहे राम पथ पर राम से ज्यादा शिव मंदिर।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

कोसीकलां (मथुरा)। शंकर औघड हैं, दयालु हैं, दातार हैं,देवाधिदेव महादेव की आराधना से व्यक्ति को मिलती है पूर्ण सुख समृद्धि । एकांतेश्वर महादेव की सच्चे मनोभाव से पूजा अर्चना करने से दूर होती है दुःख दारिद्रता यह कहना है अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भागवत भूषण शिव महा पुराण के मर्मज्ञ परम श्रद्धेय पंडित प्रदीप मिश्रा जी का ।

उन्होंने व्यास पीठ से बताया कि सभी समस्याओं का एकमात्र उपाय है शिव जी की आराधना ।

 शिव भक्त परिवार के तत्वावधान में राजमार्ग के अजीजपुर क्षेत्र के श्री जी निकुंज परिसर में चल रही श्री गोपेश्वर गोपी शिव महापुराण कथा के सातवें (अंतिम दिन) विश्व विख्यात वक्ता भागवत भूषण शिव कथा मर्मज्ञ परम श्रद्धेय पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महिमा का गुणगान करते हुए उपस्थित भक्त वत्सल श्रद्धालुओं को बताया कि सभी देवी देवता भी शिव आराधना में लीन रहते हैं । उन्होंने बताया कि जो ब्रह्मा विष्णु महेश को अलग मानता है वह अज्ञानी है,तीनों देव एक ही हैं ।

 व्यासजी ने शिव जी का गुणगान करते हुए सभी 21 ज्योतिर्लिंगों की स्थापना का रहस्य भी बताया और कहा देवाधिदेव महादेव सभी देवी देवताओं के कष्टों को हरने के लिए विभिन्न रूपों में अन्य अन्य स्थानों पर प्रकट हुए हैं।भोलेनाथ का गुणगान परम सुखदाई है। भोले शंकर की आराधना करने से व्यक्ति को सभी तरीके के कष्टों से मुक्ति मिलती है, देवाधिदेव जब भी देते पूर्ण रूप से देते हैं । उन्हें कुछ भी अधूरा स्वीकार नहीं है, जब भी महादेव की पूजा अर्चना करो पूर्ण मनोवृत्ति से करो तो उसका लाभ आवश्यक रूप से मिलता है । 

उन्होंने भोलेनाथ से सभी के दुखों को हरने की कामना के साथ कथा को विश्राम दिया । 

 कथा के मुख्य यजमान सुभाष चंद बांसईया, रेनू बांसईया,सौरभ बांसईया व् सोनल बांसईया ने अपने विशिष्ट सहयोगियों संग आरती उतारी ।

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रिपोर्ट-बी.एस.शर्मा'उपन'