सर संघचालक जी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सम्पन्न हुआ दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण



सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने संतों की उपस्थित में किया लोकार्पण। 

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

मथुरा।फरह,वैदिक मंत्रोच्चार के बीच  दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने संतों की उपस्थित में किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं दीनदयाल धाम जब भी आता हूँ, मुझे यहाँ आनन्द की अनुभूति होती है। इस परिसर का प्रकल्प हर बार 05 कदम आगे रहता है। सन् 1983 में प्रथम बार मैं नगला चन्द्रभान आया था। जब दीनदयाल जी के छोटे से घर का भूमि पूजन था। मेरे साथ नाना जी देशमुख,भाऊ राव देवरस,अटल जी थे। बारिश आ जाने के बावजूद भूमि पूजन का कार्य भीगते हुए सम्पन्न किया। सन् 2009 में सरकार्यवाह रहते हुए दूसरी बार यहाँ आया तब प्रकल्पों का थोड़ा कार्य शुरू हो चुका था। दीनदयाल जी ने एक अन्तोदय का मंत्र दिया था जिसका अर्थ है कि समाज के अन्तिम लाइन में घड़े व्यक्ति की उन्नति असली उन्नती होती है। वही देश की उन्नती में अग्रसर होता है। इस बार मैं यहाँ आया हूँ गाय के संवर्धन का यह प्रकल्प देश को विश्व पटल पर अग्रणी बनाएगा। यह प्रकल्प की प्रेरणा हमें प्राचीन काल से मिलती है जिससे भारत हमेशा भारत रहता है जो हमारी पालन करती है वह हमारा माता है। चाहें वह गाय के रूप में हो, नदी के रूप में हो, धरती के रूप में हो यह सभी हमारा माता है। हम इन सभी के कृतग्य हैं। इनसे प्रेरणा लेकर इनके लिए कुछ करना ही मानव जीवन है। यह सब हमें परम्पराओं ने सिखाया। यह हमारी आत्मा है जो सभी को स्वच्छ रखती है। निरंतर गौ सेवा से हमने इसे प्रत्यक्ष पाया है। पर्यावरण का संकट खेती करने वाला कर्जा लेता है उसका उपाय गौ सेवा है। साठ के दशक में पुरी के शंकराचार्य गौ हत्या के लिए अंशन पर बैठे थे। तब हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। जब हस्ताक्षर अभियान के लिए मैं अपने काॅलेज गया तो वहाँ हिन्दू लोगों से ही गाय के बारे में टीका टिप्पणी सुननी पड़ी यह ढकिया मुँह सी बातें हैं पढ़े-लिखें लोगों से क्या करना लेकिन गौ संवर्धन एक गतिविधि है। देशी गाय के दूध की महिमा पूरा विश्व समझता है। बढ़ी संख्याओं गौ संवर्धन गौशाला का निर्माण हो रहा है। लेकिन हम अपनी श्रद्धा को भूल गए हैं। भारत का उत्थान कब होता है जब धर्म का स्थान होता है पूरे विश्व को उसकी भाषा में समझाना के लिए आयुरविज्ञान केन्द्र पंचगव्य संस्थान यह महत्वाकाँक्षी योजनाएँ हैं जो विश्व को भारत ने दी हैं। यह एक संकल्प है जिसके लिए हमें सतत प्रयास करते रहना है जिसके लिए हमें अपने प्राणों की भी चिंता नहीं करनी है। भारत की भूमि को गौरवान्वित करने का उपकरण है हम सभी को भी गौ सेवा में हाथ बटाना है। गौ को माता कहना है तो उनके पुत्र का कत्र्तव्य भी हमें निभाना है। कत्र्तव्य के लिए सेवा करेंगें उसे अपने पास रखेंगें तभी गौ सेवा का संकल्प पूर्ण होगा। यहाँ गौ सेवा के लिए आश्रय स्थल भवन बनने जा रहा है जिससे गाय की सेवा में कोई कमी नहीं रहेगी। कार्यक्रम की प्रस्तावना बताते हुए समिति के मंत्री हरीशंकर ने कहा कि दीनदयाल धाम की स्थापना सन् 1988 में भाऊ राव देवरस ने की थी। स्व0 ओमप्रकाश जी की प्रेरणा से यहाँ गौशाला का निर्माण हुआ। इस अनुसंधान केन्द्र का 07 मई 2023 को श्री शंकर लाल जी ने भूमि पूजन कर शुभारम्भ किया।

अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गौ संवर्धन गतिविधि के अ.भा. प्रमुख शंकर लाल जी ने कहा कि यह केन्द्र भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व के लिए गौ माता की सेवा का अनूठा प्रकल्प बनेगा। देशी गायों का पालन करने से भारत स्वालम्बी जगतगुरू भारत और रोग मुक्त भारत बनेगा। गौ माता के घी से बुद्धि तीक्ष्ण होती है। गाय के दूध से कुपोषण खत्म होती है। आने वाले समय में नशामुक्त भारत बनाने में गाय की अहम भूमिका रहेगी जिससे भारत जगतगुरू भारत बनेगा।

आर्शीवचन देते हुए हंस फाउंडेशन की मंगलमाता ने कहा कि आज कलयुग में गौ माता के लिए सोचा जा रहा है। गौ माता की सेवा लिए यह विशाल अनुसंदान केन्द्र खोला गया है। हमारी गाय माता में 33 कोटि के देवी देवता वास करते हैं और आज इसका लोकर्पण होने जा रहा है। हमारे समाज की पुरानी परम्परा है गणेश जी मूर्ति बनाने के लिए गाय के गोबर का प्रयोग किया जाता है। आने वाली जनरेशन को बताना है कि माँ जन्म देती है और गाय पालती है गाय का दूध अमृत है।

दीदी मां साध्वी ऋतंभरा जी ने कहा कि गौ माता वात्सल्य जननी है। गौ महिमा साधारण व्यक्ति के बिना व्यक्त नहीं की जा सकती। गौ माता कचरे से भूख मिटाती है तो दिल को दर्द होता है। धरती को माता कहते हैं लेकिन रासायनिक खाद्य से गोद को छलनी किया जा रहा है। लेकिन इस अनुसंधान केन्द्र के निर्माण से इन सब चीजों पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा। सारे विश्व का कल्याण इस अनुसंधान केन्द्र से होगा।

इनका हुआ लोकर्पण और शिलान्यास।

कार्यक्रम में प.पू. सर संघचालक मोहन जी भागवत ने दीनदयाल बुनकर केंद्र व गोबर के बायो गैस चलित जनरेटर प्लांट का लोकार्पण व आयुष पशु चिकित्सा संस्थान का शिलान्यास किया। साथ ही गाय पर बनने वाली फिल्म गोदान के पोस्टर का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में मुकेश जैन, अजय वंशकार को विश्वकर्मा सम्मान मिला। साथ ही सरसंघचालक जी ने अनुसंधान केंद्र में सचालित होने वाले पाठ्यक्रम पुस्तकों का विमोचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कामधेनु गौशाला समिति अध्यक्ष महेश गुप्ता ने की। कार्यक्रम का संचालन अतुल कृष्ण भारद्वाज व धन्यवाद प्रांत सह प्रचार प्रमुख कीर्ति कुमार ने किया। मंच पर समिति के अध्यक्ष मधुसूदन दादू, सुमन दीदी के साथ उत्तराखंड व ब्रज के प्रमुख संतगण मंचासीन रहे। 

इनकी रही विशेष उपस्थिति।

कार्यक्रम में अ.भा. प्रचारक प्रमुख सुरेश जी, क्षेत्र संघचालक सूर्य प्रकाश टोंक, कार्यवाह डाॅ. प्रमोद शर्मा,अ.भा. सह सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले, क्षेत्र प्रचारक महेंद्र शर्मा, स्मारक समिति अध्यक्ष मधुसूदन दादू, क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम, प्रांत प्रचारक मेरठ अनिल, ब्रजप्रांत प्रचारक हरीश, उत्तराखंड प्रांत प्रचारक डाॅ.शैलेंद्र,सह प्रांत प्रचारकों में धर्मेंद्र, विनोद, चंद्रशेखर, धर्मजागरण प्रमुख ईश्वर दयाल, प्रांत धर्मजागरण प्रमुख दिनेश लवानियां, डाॅ.अनुराग शर्मा, केशव धाम निदेशक ललित, प्रांत कार्यवाह राजकुमार सिंह, डाॅ. ध्रुव, विनोद चैधरी, संदीप मारहा, अशोक त्यागी,  आदि उपस्थित रहे।