गुरु हरगोविंद साहिब जी द्वारा शुरू की गई विद्या को फैला रहा है सेवक जत्था गुरु का ताल



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। श्री गुरु गोविन्द साहिब जी के प्रकाश पर्व पर निकाले जा रहे 21जनवरी को निकाले जा रहे नगर कीर्तन को लेकर संत सिपाही रंजीत अखाड़े के बच्चो,बच्चियों जिसमे 7 साल से 30 साल तक के नौजवानों ने जो निरंतर गुरु के ताल परिसर पर अभ्यास कर रहे हैं।उन्होंने प्रदर्शन किया।

ज्ञातव्य है कि शस्त्र विद्या छटवे गुरु हरगोविंद साहिब जी ने शुरुआत की थी। उस समय गुरु जी ने साध संगत को हुक्म दिया कि जब आप गुरु घर आए तो अच्छा शस्त्र और घोड़े भेंट करें। तभी से पीढ़ी दर पीढ़ी शस्त्र विद्या सिक्ख पंथ में चल रही है। गुरु जी ने शक्ति और भक्ति के मिलाप और संत सिपाही का रूप दिया। गुरुद्वारा गुरु का ताल पर संत बाबा साधू सिंह जी मोनी जी से शुरू हुई इस विद्या को संत बाबा निरंजन सिंह जी के बाद आज मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी स्वयं शस्त्र विद्या गुरु के ताल में सिखा रहे है ।इस वक़्त 25 बच्चे इस विद्या को प्राप्त कर रहे है।

आज के अभ्यास में पुरातन युद्ध कला की कटार,तीर कमान,चक्कर,जंग सफा, जगदाड,तेगा, भाला, गदा,गुरज, ढाल तलवार,निशाने बाजी का अभ्यास किया गया।

इसका मुख्य आकर्षण 7 वर्ष से लेकर 14 वर्षो तक बच्चियों द्वारा गतके का अभ्यास।जिसमे भी 7 वर्ष की नवनीत कौर ने पैंतरा खेल कर सभी को अपनी ओर आकर्षित किया।

अभ्यास के समय कंवल दीप सिंह,ज्ञानी कुलविंदर सिंह,बाबा राजेंद्र सिंह इंदोरिया पाली सेठी,समन्वयक बंटी ग्रोवर , जसबीर सिंह आदि उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।