कीटनाशक दवाओं पर लगाया जाए पूर्णतः प्रतिबंध :नेशनल चैम्बर



कीटनाशक दवाओं के बढ़ते उपयोग से कैंसर का प्रसार हो रहा है तेजी से।

समय रहते उपाय नहीं किया गया तो मानवता आ सकती है खतरे में।

यूरिया,डीएपी,पोटाश पर निर्भरता हो कम 

केमिकल युक्त खाद को दिया जाये तरल रूप में।

हर खेत की हो ड्रोन मैपिंग - प्रशासन ड्रोन से किराये पर छिड़काब की करे व्यवस्था। 

गंभीर प्रयास कम कर सकते हैं खाद की कालाबाजारी। 

अधिक से अधिक फसल उगाने के लिए किसानों को किया जाए प्रोत्साहित। 

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा: नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर कीटनाशक दवाइयों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है। पूर्व अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में अत्यधिक इस्तेमाल हो रहे यूरिया, डीएपी, पोटाश पर निर्भरता कम की जानी चाहिए। इन उत्पादों के वितरण के तौर तरीकों में बदलाव हो। इन केमिकल युक्त खाद को तरल रूप में दिया जाना चाहिए। यदि समय रहते यह नहीं किया गया तो मानवता खतरे में आ जाएगी। कीटनाशकों का अधिक इस्तेमाल करने के कारण लोगों की सेहत पर खराब असर हो रहा है। कीटनाशक दवाओं के बढ़ते उपयोग के कारण कैंसर का तेजी से प्रसार हो रहा है। 

चैम्बर अध्यक्ष राजेश ने कहा कि वर्तमान में खाद बिक्री की प्रक्रिया भी सवाल के घेरे में है। लोग जानकारी के बिना ही अपने खेत के लिए लोकप्रिय खाद खरीद लाते हैं। यह जाने बिना कि उनके खेत की उर्वरता कैसी है। मृदा का स्वरूप किस प्रकार है। इसकी जरूरत क्या है। मृदा की जांच हों। पूर्व अध्यक्ष मनीष अग्रवाल के अनुसार तरल रूप में खाद की बिक्री होने से उसकी बिक्री मूल्य कम हो जाएंगे। क्योंकि लागतों में काफी कमी हो जाएगी। नैनो यूरिया तो बाजार में लांच हो चुकी है। हर खेत की ड्रोन मैपिंग की जाए और प्रशासन द्वारा ड्रोन से छिड़काव की व्यवस्था किराए लेकर की जाए। यदि इस दिशा में गंभीरता से प्रयास किए गए तो खाद की कालाबाजारी काफी कम हो जाएगी। वितरण प्रक्रिया को भी सुधारा जाना चाहिए। किसानों को यूं ही खाद के अनाप शनाप प्रयोग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। प्रत्येक किसान को तय मानक एवं आवश्यकता के अनुसार खाद की उपलब्धता कराई जानी चाहिए। इसके साथ ही प्रत्येक किसान को एक ही फसल पर निर्भरता को कम करने का प्रयास किया जाना। ऐसे कदम से किसानों को खुशहाल बनाया जाना चाहिए।

 चैंबर अध्यक्ष राजेश गोयल के अनुसार खाद की जरूरत के अनुसार वितरण कार्य किया जाना चाहिए और किसानों को अधिक से अधिक फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाये।