सीधे आत्मा से बातें करती हैं,पंकज उधास की गजलें



हिन्दुस्तान वार्ता। शाश्वत तिवारी

मुम्बई: गजल सम्राट पंकज उधास सोमवार 26 फरवरी 2024 को 72 वर्ष की उम्र में अपने चाहने वालों को उदास कर दुनिया को अलविदा कह गये।पंकज जी को पेनक्रियाज कैंसर था। उनकी बेटी नायाब उधास ने फोन पर यह सूचना दी। उनके परिवार में पत्नी फरीदा और दो बेटियां रेवा और नायाब हैं।

उनका अंतिम संस्कार आज मुंबई में होगा।

पंकज उधास_भारतीय संगीत के एक ऐसे प्रकाश स्तंभ थे, जिन्होने अपनी आवाज ने हर पीढ़ी के लोगों को मंत्रमुग्ध किया था। उनके गायन ने भावनाओं को व्यक्त किया और उनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थी।

"चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल", गाने के साथ उन्होंने गायकी की दुनिया में कदम रखा था। पंकज उधास का पहला गाना फिल्म "कामना" में था, जो उषा खन्ना द्वारा संगीतबद्ध और नक्श लायलपुरी द्वारा लिखा गया था। उनका पहला गजल एल्बम "आहट" सन् 1980 में रीलिज हुआ था। मुख्य तौर पर गजल गायक पंकज ने नाम, साजन, मोहरा, ये दिल्लगी, फिर तेरी कहानी याद आई, तेरे बिन सहित कई फिल्मों में पार्श्व गायक के रूप में अपनी बड़ी पहचान बनाई। सन्  2003 में उन्हे "संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार" और साल 2006 में उन्हें "पद्मश्री" से नवाजा गया था।