एक जियाला हुआ था बृज में,नाम गोकुला वीर था..,वीर सपूत गोकुला जाट पर लिखे गीत का हुआ विमोचन



औरंगजेब ने जंजीरों से बंधवाकर कटवाएं थे अंग,हर अंग के कटने पर खून की फुहारें निकलने से पड़ा था "फुहारा" नाम

वीर सपूत गोकुला जाट पर लिखे गीत का हुआ विमोचन,कर्मवीर चाहर निभाएंगे गोकुला जाट का किरदार,भारत माता व गोकुला जाट के जयकारों से गूंजा कार्यक्रम स्थल

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। कोतवाली के पास स्थित फुहारा जगह,बृज के वीर सपूत गोकुला जाट की वीरता और मुगलों के अत्याचार की गवाह है। मुगलों से जुड्ड लेने वाले साहसी गोकुला जाट को श्रद्धाजलि स्वरूप आरए मूवीज के वैनर तले गोकुला जाट पर फिल्म का निर्माण किया जा रहा है। जिसके गीत - 

 जेठमासी सूर्य जैसा दहकता अंगार था,बाजुओं में गज जैसा बल का अम्बार था। दीवाना था आजादी का मौत का वो शमशीर था,एक जिलाया हुआ था बृज में नाम गोकुला वीर था।।

 फिल्म के पोस्टर का आज सेल्फी रेस्टरां में आयोजित कार्यक्रम में विमोचन मुख्य अतिथि मेयर हेमलता दिवाकर ने किया।  फिल्म के एसोसिएट प्रोड्यूसर राजकुमार चाहर व आरए मूवीज के रंजीत सामा ने बताया कि जल्दी फिल्म की शूटिंग शुरु की जाएगी,जिसमें गोकुला जाट की भूमिका सांसद राजकुमार चाहर के बेटे कर्मवीर चाहर निभाएंगे। 

कार्यक्रम में मौजूद एसोसिएट प्रोड्यूसर राजकुमार चाहर ने बताया कि गोकुला जाट वो वीर था जिसने औरंगजेब जैसे क्रूर शासक के सामने झुकने के बजाय अपने प्राण देना ज्यादा उचित समझा। ऐसे वीर जवानों की वीरगाथा देश के युवा पीढ़ी तक पहुंचनी चाहिए। फिल्म के निर्माता रंजीत सामा व विजय सामा हैं। हेमन्त वर्मा के निर्देशन में गीत को फिल्माया जाएगा। संगीत पं.दलीप ताहिर व गीत को शब्दों में संजय दुबे ने संजोया है। मौहम्मद सलामत ने गीत को अपनी आवाज दी है। गीत की शूटिंग बृज क्षेत्र में की जाएगी,जिसमें गोकुला जाट के मुगलों के अत्याचार के खिलाफ साहस, पराक्रम और शौर्य को समाहित लोगों तक पहुंचाने का प्रयास होगा। कार्यकम का संचालन संजय दुबे ने किया। 

इनकी रही विशेष उपस्थिति :

इस अवसर पर मुख्य रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष गिर्राज कुशवाह,डॉ. गौरीशंकर,उत्तम सिंह काका,उमर शैल राज सिंह, कप्तान सिंह चाहर, गोपीचंद, सोनू दिवाकर, गुड्डू चाहर, अशोक चौबे, चौधरी भूरी सिंह, डॉ. दीपक सिंह, बहुरन सिंह,भीमसेन,मानसिंह,लोकेन्द्र सिंह, प्रमोद वर्मा, मनीष शर्मा, नीरज तिवारी, प्रदीप सरीन, राहुल आर्य, विजय सहगल, यश गांधी, विनोद शीतलानी, सतेन्द्र तिवारी, नारायण दास आदि उपस्थित थे। 

ये है गोकुला जाट का इतिहास :

गोकुला जाट के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि गोकुल सिंह तिलपत गांव के सरदार थे। 10 मई 1666 को जाटों व औरंगजेब की सेना में तिलपट में युद्ध छिड़ गया। युद्ध में जाटों की विजय हुई। मुगल शासन ने इस्लाम धर्म को बढ़ावा दिया और किसानों पर कर बढ़ा रहा था। वीर गोकुला जाट ने किसानों को संगठित किया और कर जमा करने से मना कर दिया, और औरंगजेब के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया। औरंगजेब ने धोखे से गोकुला जाट को आगरा किले में बंदी बना लिया और इस्लाम स्वीकार करने पर जान बख्शने की शर्त रखी। गोकुला जाट ने शर्त को स्वीकार नहीं किया तो उन्हें जंजीरों से कोतवाली के पास बंधवा दिया गया। भरी जनता के सामने उनके शरीर का एक-एक अंग काटा गया। हर अंग कटने पर खून की फुहारें निकलती थी। इसी कारण कोतवाली के पास उस जगह का नाम"फुहारा" पड़ गया। 

डॉ.भानु प्रताप को किया सम्मानित :

वरिष्ठ पत्रकार डॉ.भानु प्रताप सिंह ने हिंदू धर्म रक्षक वीर गोकुला जाट पर पुस्तक लिखी है। इसके लिए उन्होंने 1 वर्ष तक शोध किया और 32 पुस्तकों का अध्ययन किया। गोकुल जाट के गांव तिलपत तक दौरा किया। पुस्तक में हिंदू वीरांगनाओं के चतुर्थ जौहर और गोकुला जाट की बहन भंवरी कौर के बलिदान को भी उकेरा गया है। गोकुल जाट के चाचा उदय सिंह का बलिदान भी साथ में हुआ था। पांच हजार किसानों को भी बंदी बनाकर लाया गया था। जीवित रहने की शर्त पर उन किसानों ने मुगलों का मैला उठाना मंजूर किया, लेकिन इस्लाम धर्म स्वीकार नहीं किया।

 इस अवसर पर,वीर गोकुला जाट पर शोध कर लिखी गई पुस्तक के लिए डॉ.भानु प्रताप सिंह को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

रिपोर्ट - असलम सलीमी।