हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा: शहर के विभागों से जानकारी लेने के उत्सुक,RTI एक्टिविस्ट ने परिवार परामर्श केंद्र से संबंधित जानकारियां RTI के तहत मांगी,जिसमें विभाग द्वारा जो जानकारियां दी गई वो काफी चौकाने वाली जानकारी थीं। RTI एक्टिविस्ट ताजगंज निवासी अरशद रब ने RTI में 6 बिंदुओ पर जानकारी मांगी थी,जिसमें उन्हें चौकाने वाली जानकारियां मिली।
टूटे परिवारों को मिलाने वाला परिवार परामर्श केंद्र को खुद जानकारी नहीं है कि वह कितने साल पुराना है। शहर के कई विभागों से अलग,अलग कार्यों की RTI अरशद रब द्वारा पूर्व में भी ली गई थी। इस बार उन्होंने परिवार के वाद सुलझाने वाले विभाग से जानकारियां मांगी।
RTI आवेदन में उन्होंने पूछा कि परिवार परामर्श केंद्र आगरा का गठन कब हुआ, जिसकी जानकारी विभाग को ही नहीं है। विभाग ने लिखा है कि इस संबंध में शाखा में कोई अभिलेख साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। RTI एक्टिविस्ट इस जवाब से संकोच में है। आखिर विभाग को ही अपने बनाए हुए विभाग की जानकारी क्यों नहीं है। जानकारों से बात कर के पता चला कि परिवार परामर्श केंद्र का आगरा में गठन 2008 में हुआ था,सामाजिक कार्यकर्ताओ को इसकी जानकारी है पर विभाग को ही इसकी जानकारी नहीं है ।
2008 में हुआ था गठन :
आरटीआई एक्टिविस्ट अरशद रब ने बताया कि पति पत्नी के बिगड़े हुए रिश्तों को जोड़ने के लिए वर्ष 2004 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर, हर जिले में परिवार परामर्श केंद्र खोलने के आदेश किए गए थे। जिसके फलस्वरूप आगरा में 25 अक्टूबर 2008 को परिवार परामर्श केंद्र की स्थापना की गई थी, जिसका अध्यक्ष स्वर्गीय एसपी अशफाक अहमद को संस्था का आजीवन मानद सदस्य घोषित किया गया था,चूंकि परिवार परामर्श केंद्र को पुलिस विभाग की देख रेख में खोला गया था जिसकी जानकारी सब ही को है, लेकिन पुलिस विभाग को ही इसकी जानकारी नहीं है। नोडल अधिकारी पीपीएस रैंक के होते हैं, परिवार परामर्श केंद्र में पुलिस आयुक्त के देख रेख में इसका संचालन किया जाता है।
काउंसलरों का दिया डाटा योग्यता नहीं बताई :
आरटीआई एक्टिविस्ट अरशद रब ने RTI में पूछा क्या परिवार परामर्श को चलाने वाले, नियुक्त हुए काउंसलरों की योग्यता क्या है इसके जवाब में विभाग द्वारा कहा गया कि मौजूदा समय में 16 काउंसलर अपनी सेवाए दे रहे हैं। योग्यता काउंसलरों की क्या है इसकी जानकारी हम नहीं दे सकते।नामित काउंसलरों की व्यक्तिगत सूचना किसी भी अन्य व्यक्ति व संस्था को नहीं दे सकते, जबकि यह निजी जानकारी में नहीं आता है। काउंसलरो की संख्या देखी जाए तो 16 काउंसलरों में से सिर्फ 2 महिला काउंसलर ही नियुक्त हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट अरशद रब ने कहा कि इतने बड़े परिवार परामर्श केंद्र में सिर्फ दो महिला काउंसलर का होना अटपटा लगता है। पति पत्नी के विवादो में महिला काउंसलर अगर ज्यादा हो तो महिलाएं काउंसलिंग के टाइम बात करने में कम झिझकेगी,वही काउंसलरों की लिस्ट देख कर हैरानी हुई कि एक भी अल्पसंख्यक समाज का काउंसलर परिवार परामर्श केंद्र में नियुक्त नहीं है।अल्पसंख्यक कोई महिला काउंसलर इसमें हो तो अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं के लिए काफी आसानी होती। हालाकि 2021 में तत्कालीन एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने आदेश दिया था कि काउंसलर की संख्या में 50 प्रतिशत महिला काउंसलर होनी चाहिए,इसके बावजूद भी कुल 2 महिला काउंसलर ही अपनी सेवाए दे रही है काउंसलर की योग्यता पर सवाल खड़े होने पर पूर्व में तत्कालीन एसपी क्राइम द्वारा 60 काउंसलरों की परीक्षा कराई गई थी। जिसमें 35 काउंसलरों ने परीक्षा पास की जिन्हें रखा गया, बाकी को हटा दिया गया। अब की चयन प्रक्रिया किस आधार पर हो रही है इसके जवाब में कहा गया है कि यूनिसेफ द्वारा जारी एस ओ पी के आधार पर किया जाता है हालाकि एस ओ पी क्या है इसका विवरण RTI के जवाब में विभाग ने नहीं दिया है।
निशुल्क करते है सेवा काउंसलर :
आरटीआई में पूछा गया कि क्या काउंसलरों को काउंसलिंग का कोई भत्ता दिया जाता है। इस पर जवाब में जानकारी दी गई कि काउंसलर निशुल्क अपनी सेवाए प्रदान करते हैं।
9 महीने में 2415 प्रार्थना पत्र प्राप्त :
पिछले 9 महीने में परिवार परामर्श केंद्र आगरा में 2415 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए हैं। परिवार से संबंधित विवादो को हर शनिवार ,रविवार में चौपाल लगाकर निपटाया जाता है।
रिपोर्ट-असलम सलीमी।