हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार को इटली रवाना हुए। यह पीएम मोदी का तीसरे कार्यकाल का पहला विदेश दौरा है।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके अलावा वह सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात कर सकते हैं। पीएम मोदी एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ रवाना होंगे, जहां वे शुक्रवार को शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेंगे। इटली के अपुलिया क्षेत्र में बोर्गो एग्नाज़िया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रहेगा।
जी7 संगठन के सदस्य देशों की बात करें तो इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस शामिल हैं। सम्मेलन के प्रमुख एजेंडा पर गौर करें तो आधिकारिक जी7 इटली वेबसाइट के अनुसार, शिखर सम्मेलन में छह प्रमुख कार्य सत्रों के माध्यम से कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें अफ्रीका, जलवायु परिवर्तन और विकास, मध्य पूर्व, यूक्रेन, प्रवास और भारत-प्रशांत एवं आर्थिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे शामिल है। इस दौरान अफ्रीका, भूमध्य सागर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और ऊर्जा पर आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ आउटरीच सत्र आयोजित होंगे।
यह 11वीं बार है जब भारत को जी-7 सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है और यह पांचवीं बार होगा,जब पीएम मोदी इसमें भाग लेंगे। इस संबंध में इटली में भारतीय राजदूत वाणी राव ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में उपस्थित अन्य वैश्विक नेताओं के साथ भारत और ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इस वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
जी-7 समिट में भारत की नियमित भागीदारी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए नई दिल्ली के प्रयासों की बढ़ती मान्यता की ओर इशारा करती है। क्वात्रा ने यह भी कहा कि पीएम मोदी और उनकी इतालवी समकक्ष मेलोनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा किए जाने की भी उम्मीद है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)