स्वयं के भीतर के दर्शन का माध्यम है सुदर्शन क्रिया : डॉ.रश्मि मिश्रा


   


आर्ट आफ लिविंग की हैप्पीनेस कार्यशाला में लोगों ने सीखा तनावमुक्त जीने का तरीका 

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। मुस्कान की कुंजी लेकर,श्वास के रास्ते पर चलकर स्वयं से स्वयं का मिलन ही है सुदर्शन क्रिया। जीवन को यदि तनाव से मुक्त रखना चाहते हैं तो सांसों की गति पर ध्यान एकत्रित करते हुए कुछ समय स्वयं को दीजिए। जीने की कला का ये सूत्र सिखाया आर्ट आफ लिविंग की जोनल कार्डिनेटर डॉ.रश्मि मिश्रा ने। 

8,भरतपुर हाउस में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी की संस्था आर्ट आफ लिविंग के तत्वावधान में तीन दिवसीय हैप्पनेस कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

जोनल कार्डिनेटर डॉ.रश्मि मिश्रा और अन्तरराष्ट्रीय योगा ट्रेनर रुचिरा ढल ने करीब दो दर्जन लोगों को सुदर्शन क्रिया का प्रशिक्षण दिया,साथ ही जीवन जीने के लिए पांच प्रमुख सूत्र भी साझा किये। कार्यशाला के दौरान योगा,सुदर्शन क्रिया द्वारा ध्यान की विधि एवं तनाव मुक्त रहने के मुख्य मंत्र बताए गए। रुचिरा ढल ने बताया कि आगामी 11 जून से पुनः तीन दिवसीय हैप्पीनेस कार्यशाला 8,भरतपुर हाउस में प्रातः 6:30 बजे से 8:30 बजे तक आयोजित होगी। 

   इस अवसर पर प्रिल्युड पब्लिक स्कूल की डायरेक्टर सुनीता गुप्ता, डॉ.रुचिका,डॉ.राजीव बंसल,डॉ.नेहा अग्रवाल,डॉ.आयुषी,तरुण पाठक,आयुषी जैन, सुहानी रस्तोगी,मयंक गुप्ता,मनोज वर्मा,रामबाबू गुप्ता,तनु गुप्ता आदि शामिल रहे।