−स्वास्तिक वेलफेयर ट्रस्ट के 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन
−प्रमाण पत्र वितरण संग आर्ट आफ लिविंग की लगी कार्यशाला भी,हनुमाान चालीसा का हुआ सामूहिक पाठ
हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
आगरा। भावी पीढ़ी का जितना जरूरी आधुनिक विधा को सीखना है वहीं जीने की कला का ज्ञान होना भी आवश्यक है। इसी विचार को साथ लेकर स्वास्तिक वेलफेयर ट्रस्ट ने ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन समारोह आयोजित किया।
बुधवार को दयालबाग स्थित प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में स्वास्तिक वेलफेयर ट्रस्ट के ग्रीष्मकालीन शिविर के प्रमाणपत्र वितरित किये गए। मुख्य अतिथि डॉ.सुशील चंद्र गुप्ता,विशिष्ट अतिथि डॉ रश्मि मिश्रा, रुचिरा ढल, नीरज कांत, ट्रस्ट की अध्यक्ष विनीता मित्तल, मुख्य संयोजक श्रुति दास, ज्योतिषा मित्तल ने दीप प्रज्जवलित किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में आर्ट आफ लिविंग की जोनल कार्डिनेटर डॉ रश्मि मिश्रा और अन्तरराष्ट्रीय योगा ट्रेनर रुचिरा ढल ने बच्चों और अभिभावकों को तनाव मुक्त जीवन की कुंजी साझा की। उन्होंने कहा कि जितना चेहरे पर मुस्कान रखेंगे उतना जीवन के तनाव को कम कर देंगे।
मुख्य अतिथि डॉ.सुशील गुप्ता ने कहा कि बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ सनातन,वैदिक योग और ध्यान के सूत्र बताना आज संस्कारित पीढ़ी निर्माण में अति आवश्यक है।
ट्रस्ट की ओर से अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया गया। म्यूजिक मंत्रा की डायरेक्टर वीरा सक्सेना के निर्देशन में सरस्वती वंदना की प्रस्तुति हुई। डॉ.रश्मि मिश्रा द्वारा सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ करवाया गया।
योगा ट्रेनर नीरज कांत द्वारा प्रशिक्षित बच्चों ने विभिन्न योगासन प्रदर्शित कर सभी को अचंभित कर दिया।
अध्यक्ष विनीता मित्तल ने बताया 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर एलोरा एंक्लेव, दयालबाग स्थित बचपन प्ले स्कूल में लगाया गया था। जिसमें बच्चों को वैदिक मैथ्स, मैंटल मैथ्स, कैलिग्राफी, ड्राइंग−पेंटिंग और क्राफ्ट, डांस, स्कैटिंग, फानिक्स आदि का प्रशिक्षण दिया गया था।
प्रशिक्षण प्राप्त शौर्य,जपगुर, निवि, पीहू वैदिक मैथ्स के बारे में बताया।
इसके अलावा महिलाओं को सशक्तिकरण की राह दिखाते हुए उन्हें हैंडराइटिंग टीचर्स ट्रेनिंग दी गयी। सभी प्रतिभागियों को संस्था की ओर से प्रमाण पत्र प्रदान किये गए। अतिथियों गौशाला में निर्मित उपहार भेंट की गयी, जिसमें विशेष सहयोग लव यू जिंदगी के सतीश गुप्ता एवं प्रांकुर जैन का रहा।
कार्यक्रम का संचालन श्रुति दास ने किया। व्यवस्थाएं आस्था अरोड़ा, रुचि सिंघल,शिखा गौतम,अंजली अग्रवाल,एकता अग्रवाल आदि ने संभालीं।