बल्केश्वर:श्रीमद्भागवत कथा में महारास और रुक्मणी मंगल के प्रसंगों ने किया भाव विभोर



ऐसो रास रच्यो वृंदावन,है रही पायल की झंकार..

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। केला देवी मंदिर पार्क बलकेश्वर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन शुक्रवार को पूज्य कथा व्यास श्री दिलीप त्रिपाठी जी ने महारास और रुक्मणी मंगल सहित विविध प्रसंगों के मार्मिक और संदेश प्रद वर्णन द्वारा जहां श्रद्धालुओं को भाव-विभोर किया,वहीं उन्होंने व्यास गद्दी से सबको हेलमेट लगाने और मास्क पहनने का संदेश भी दिया। 

कथा क्रम में पूज्य दिलीप त्रिपाठी जी ने समझाया कि भगवान को अभिमान प्रिय नहीं है। साधना के पथ पर अहंकार बाधक है। जिसके मन में गोपी भाव है, वही रास की कथा सुनने का अधिकारी है। 

उन्होंने कहा कि जिस तरह गोपियां भगवान कृष्ण से मिलने दौड़ पड़ीं, उसी प्रकार ईश्वर के दरबार में आप जैसे हैं, वैसे ही जाना चाहिए। दिखावा नहीं करना चाहिए। भगवान को सहजता प्रिय है, दिखावा नहीं।

गूगल,व्हाट्सएप और फेसबुकिया ज्ञानियों को समझाते हुए उन्होंने कहा कि सच्चा ज्ञान महापुरुषों के चरणों में बैठे बिना और शास्त्रों को पढ़े बिना नहीं मिल सकता। जरूरी है कि हम अपने धर्म की गहराई को समझें। उन्होंने कहा कि गुरु के बगैर जीवन अधूरा है। वह भाग्यशाली हैं जिनके सर पर किसी गुरु का हाथ है।

इस दौरान ऐसो रास रच्यो वृंदावन, है रही पायल की झंकार भजन पर भक्त उठ उठ कर नाचने लगे। भगवान कृष्ण और रुक्मणी के विवाह उत्सव की झांकी ने सबका मन मोह लिया। 

इन्होंने उतारी आरती..

मुख्य यजमान भारद्वाज परिवार पार्षद मुरारी लाल गोयल पेंट,श्रीमती सुमन गोयल, किशोर भारद्वाज,जितेंद्र भारद्वाज, विश्वनाथ भारद्वाज, दीक्षा भारद्वाज, अजय गुप्ता (बाबाचैन) सचिन, भावना, देवेंद्र ने प्रमुख रूप से आरती उतारी।

 जिंदगी अनमोल है, हेलमेट लगाएं :

पार्षद मुरारी लाल गोयल पेंट ने कहा कि जिंदगी अनमोल है। सब हेलमेट पहन कर और मास्क लगाकर ही चलें।

उन्होंने बताया कि 7 जून,2024 शुक्रवार को कथा समापन पर दोपहर 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक भागवत सार और सुदामा चरित्र की कथा होगी।