" एसीई ग्रुप ऑफ कालेज " में योग पर भव्य गोष्ठी,विद्यार्थियों को योग के लिए किया प्रेरित


शारीरिक,मानसिक और समाजिक रूप से स्वस्थ बनाता है योग : डॉ.भावना शर्मा 'योग गुरू'

तन,मन और दिमाग स्वस्थ रहेगा तभी देश की युवा पीढ़ी देश को विकास की ओर अग्रसर कर सकती है : संजय गर्ग' चेयरमैन'

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। 11 सितम्बर,योग का अर्थ है जुड़ना। शरीर, दिमाग और आत्मा को एक दूसरे से कनेक्ट करना है योग। हठ योग के अनुसार आत्मा से परमात्मा से मिलना है योग। एसीई ग्रुप ऑफ कालेज में योग पर आयोजित गोष्ठी में विद्यार्थियों को योग की व्याख्या समझाते हुए योग एक्सपर्ट डॉ.भावना शर्मा ने यह बात कही। 

कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष कालेज के चेयरमैन संजय गर्ग,कोकिला गर्ग ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अतिथियों का स्वागत कालेज के निदेशक संयम अग्रवाल ने किया।

इस अवसर पर चेयरमैन संजय गर्ग ने कहा कि तन,मन और दिमाग स्वस्थ रहेगा तभी देश की युवा पीढ़ी देश को विकास की ओर अग्रसर कर सकती है। हम मीडिया के माध्यम से ये आग्रह करते हैं कि वे योग को अवश्य अपनाएं।

डॉ.भावना शर्मा ने बताया कि योग,मनुष्य को सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाता है। मानसिक,शारीरिक ही नहीं सामाजिक रूप से भी स्वस्थ बनाता है। कोई देखने में हष्ठ पुष्ट है तो इसका अर्थ यह नहीं कि वह स्वस्थ है। यदि आपकी निर्णय लेने की क्षमता और आपकी सोच अच्छी नहीं और नकारात्मकता है तो आप स्वस्थ नहीं हैं। इस समस्या से योग ही दूर कर सकता है। योग को बचपन से ही अपनाना चाहिए। हमारा शरीर एक इमारत की तरह है। इसकी नींव अच्छी होगी तभी लम्बे समय तक मजबूती से टिक पाएगी। युवा पीढ़ी देश का भविष्य है,यदि वह मानसिक,शारीरिक व सामाजिक स्तर पर स्वस्थ होंगे तभी हमारा देश भी सुदृढ़ रह पाएगा। ज्ञान,आदि मुद्रा अवसाद और तनाव से दूर रखने में काफी मदद करती है।

उन्होंने कम्प्यूटर और मोबाइल के युग में आखों को स्वस्छ रखने के लिए भी योग सिखाया। हमारे शरीर से चार स्तम्भ हैं स्टेमिना, स्ट्रैंथ, स्टेबिलिटी और स्ट्रैचिंग के बारे में बताया। इन चारों स्तम्भ को मजबूत रखने के लिए योग आवश्यक है। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्राचार्य शोभिता, रितिका,नवीन आदि उपस्थित थे।

रिपोर्ट - मनोहर लाल चुघ