कलयुग में जीव के कल्याण के लिए सर्वोत्तम ग्रंथ है श्रीमद्भागवत महापुराण : आचार्य पीठाधीश्वर यदुनंदनाचार्य महाराज



हिन्दुस्तान वार्ता।डॉ.गोपाल चतुर्वेदी

वृन्दावन।सेवाकुंज-इमली तला क्षेत्र स्थित आचार्य पीठ में श्रीमद्भागवत सेवा संस्थान के द्वारा ब्रज विभूति परिव्राजकाचार्य स्वामी ब्रजरमणाचार्य महाराज व विद्वत शिरोमणि भागवत भूषण आचार्य पीठाधिपति स्वामी किशोरीरमणाचार्य महाराज की पावन स्मृति में चल रहा अष्टदिवसीय 50 वां (स्वर्ण जयंती) श्रीमद्भागवत जयंती एवं श्रीराधा जन्म महोत्सव विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मध्य अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।

इस अवसर पर देश-विदेश से आए असंख्य भक्तों - श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की महिमा बताते हुए आचार्य पीठाधीश्वर भागवत भूषण स्वामी यदुनंदनाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण का श्रवण करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं,इसीलिए इसे कल्पवृक्ष कहा जाता है।इसकी शरण लेने वाले व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भागवत प्रवक्ता आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी यदुनंदनाचार्य महाराज ने कहा कि कलयुग में जीव के कल्याण के लिए यदि कोई सर्वोत्तम ग्रंथ है, तो वह श्रीमद्भागवत महापुराण है।जिसके श्रवण मात्र से जीव भवसागर से पार उतर जाता है।साथ ही श्रीमद्भागवत महापुराण का श्रवण करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।

महोत्सव में प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, डॉ.राम सुदर्शन मिश्रा, मोहनमोहनी, पंडित बिहारीलाल शास्त्री, आचार्य नेत्रपाल,आचार्य यशोदानंद शास्त्री (लालजी महाराज),युवराज वेदांत आचार्य ,डॉ.राधाकांत शर्मा, ऋषि राज आचार्य, मनोज कृष्ण,पण्डित अमित भारद्वाज,आचार्य ब्रजेश महाराज आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।महोत्सव का समापन संत,ब्रजवासी,वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।