मात्र 12 वर्ष की आयु में समायरा ने रच दिया भावनाओं का हृदयस्पर्शी संसार
माधुर्य संस्था ने सजाई महफ़िल,समायरा विजय गुप्ता के प्रथम अंग्रेजी काव्य संग्रह "द एथेरल सिंफनी"के हुए लोकार्पण में नन्ही कलम से निकली कविताओं ने छू लिया सबका दिल
सूरज की वो चमकीली किरण है समायरा जो किसी भी रात के अँधेरे को सुनहरी भोर में परिवर्तित कर सकती है : निशिराज
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था माधुर्य के बैनर तले रविवार को खंदारी स्थित सेठ पदमचंद जैन वाणिज्य संस्थान सभागार में वरिष्ठ साहित्यकारों संग गणमान्य जनों द्वारा डीपीएस की छात्रा तथा चिकित्सक दंपत्ति डॉ.पायल सक्सेना एवं डॉ.विजय गुप्ता की सुपुत्री समायरा विजय गुप्ता के प्रथम अंग्रेजी काव्य संग्रह 'द एथेरल सिंफनी' का लोकार्पण किया गया।
मात्र 12 वर्ष की उम्र में समायरा ने भावनाओं का ऐसा हृदयस्पर्शी संसार रच दिया कि नन्ही कलम से निकली 51 कविताओं ने सबका दिल छू लिया। माधुर्य की संस्थापक अध्यक्ष व कार्यक्रम की संयोजक-संचालक श्रीमती निशिराज ने लोकार्पित कृति की समीक्षा करते हुए कहा कि चारों ओर बढ़ती संवेदन शून्यता का जाल है। वहीं कमाल है कि एक 12 साल की बच्ची दुहाई दे रही है इस दुनिया को बचाने की। शांति को पाने की।उन्होंने कहा कि समायरा जैसी बाल कवयित्री सूरज की वह चमकीली किरण है जो किसी भी रात के अँधेरे को सुनहरी भोर में परिवर्तित कर सकती है।
पुस्तक की समीक्षा करते हुए युवा साहित्यकार दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि नन्हीं कवयित्री द्वारा शब्दों का चयन पाठकों को अचंभित करता है।उनकी रचनात्मक क्षमताएँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं जो आशावादी सोच का परिचायक हैं।
मुख्य अतिथि डॉ.गिरधर शर्मा ने कहा कि समायरा की सोच का दायरा बहुत बड़ा है। बच्चों को समायरा से प्रेरणा लेकर पढ़ाई के साथ अपनी सर्जनात्मक प्रतिभा को पल्लवित करना चाहिए।
अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.राजेंद्र मिलन ने कहा कि अंग्रेजी भाषा में बिटिया समायरा गुप्ता ने एक ऐसा अध्याय रचा है कि आगरा के नामचीन अंग्रेजी साहित्यकारों में उसका नाम भी सितारों सा चमकता रहेगा।
विशिष्ट अतिथि डॉ.अशोक विज ने कहा कि कविता किसी संवेदनशील हृदय के भावों की अभिव्यक्ति है और इस उम्र में ऐसा होना तो एक नैसर्गिक प्रतिभा का होना है।
विशिष्टअतिथि डॉ.अनुज कुमार गुप्ता, प्रो.अरशद और प्रो.ओ.साइमन के साथ वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.कुसुम चतुर्वेदी, डॉ.मधुरिमा शर्मा,रमा वर्मा, अशोक अश्रु, डॉ.सुषमा सिंह,राजकुमारी चौहान,श्रुति सिन्हा और रमेश पंडित ने भी समायरा की रचनाधर्मिता को सराहा। माधुर्य के संरक्षक आदर्श नंदन गुप्त, संजय गुप्त, शरद गुप्त, डॉ.पायल सक्सेना, डॉ.विजय गुप्ता,राजकुमार जैन, डॉ.गिरधारी लाल शर्मा और सुधा वर्मा* ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
दूसरे सत्र में उपस्थित कवियों ने अपनी कविताओं की रसधार से सभी को भाव-विभोर कर दिया। अंतरराष्ट्रीय खेल प्रशिक्षक एवं बेहतरीन मंच संचालक रीनेश मित्तल को माधुर्य संस्था द्वारा विशिष्ट सम्मान प्रदान किया गया। निखिल पब्लिशर्स के मोहन मुरारी शर्मा द्वारा नवोदित कवयित्री समायरा गुप्ता का अभिनंदन किया गया। समारोह का संचालन निशिराज और दीपक श्रीवास्तव ने किया।