प्रथम पूज्य गजानन जी को नमन कर श्रीगणेश हुआ श्रीकृष्ण लीला शताब्दी वर्ष महोत्सव का

 


वैदिक विधि एवं पूजन से हुआ मुकुट पूजन संग महोत्सव का शुभारंभ 

− गणेश जी की आरती उतार विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने निभायी 100 वर्ष पुरानी परंपरा

− 14 दिवसीय आयोजन में मंचन होगा श्रीकृष्ण की लीलाओं का,गौशाला बनी गोकुल और मथुरा  

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। शहर के मध्य बनी श्रीकृष्ण गौशाला, वाटरवर्क्स, मथुरा और गोकुल बन चुकी है और तैयार हो चुका है वो कारागार जहां जन्म लेंगे जगत के पालन हार। 100 वर्ष प्राचीन परंपरा और उत्साह का निर्वाहन करते हुए श्रीकृष्ण लीला शताब्दी वर्ष महोत्सव का शुभारंभ मुकुट पूजन के साथ हुआ। जय श्रीकृष्णा और राधे राधे के जयघोष के साथ गणपति जी की सवारी निकाली गई, जिसने नगर में भ्रमण कर श्रीकृष्ण लीला के शुभारंभ का संदेश एवं आमंत्रण शहरवासियों को दिया।

वाटर वर्क्स चौराहा स्थित श्रीकृष्ण गौशाला परिसर के मंदिर में मंगलवार को मुकुट एवं गणपति जी का पूजन विधायक पुरुषाेत्तम खंडेलवाल, डॉ गिरधर शर्मा,सीताराम मंदिर वजीर पुरा के महंत अनंत उपाध्याय,पंडित मुकेश शर्मा, राजकुमार जैन, सुशील जैन, महामंत्री विजय रोहतगी द्वारा किया गया। पंडित महेश शास्त्री और उपेंद्र शर्मा (कोयल पंडित जी) पूजन विधि संपन्न करवाई।

श्रीकृष्ण लीला समिति के सभी सदस्यों ने विघ्नविनायक से आयोजन के निर्विघ्न संपन्न कराने की प्रार्थना की। 

पूजन के बाद गौशाला परिसर से गणेश जी की सवारी निकाली गई। सभी ने जयघोष किए और वंदना की। बैंड बाजों के साथ गणेश जी की सवारी ने नगर भ्रमण किया। बेलनगंज,कचहरी घाट, छत्ता बाजार, दरेसी नं.2, रावतपाड़ा, सुभाष बाजार, जौहरी बाजार, कसेरट बाजार, किनारी बाजार, सेव का बाजार, फुलट्टी, छिलीईंट घटिया, सिटी स्टेशन रोड, धूलियागंज, पथवारी, बेलनगंज तिकोनिया होती हुई गौशाला वापस आई। मार्ग में कई स्थानों पर श्रद्धालुओं द्वारा गणपति जी की आरती उतारी गई और पुष्प वर्षा की गई।

 इस अवसर लीला संयोजक शेखर गोयल,अशोक गोयल, संजय गर्ग, गिर्राज बंसल, अनूप गोयल, ब्रजेश अग्रवाल, विनीत सिंघल, कैलाश खन्ना, संजय चेली, तनुराग, मनोज बंसल,आयुष, केसी अग्रवाल,आदर्श नंदन गुप्ता,प्रवक्ता धर्मेन्द्र कु.चौधरी,मीडिया प्रभारी तनु गुप्ता आदि उपस्थित रहे। 

बुधवार को निकलेगी कंस की दुहाई :

 महामंत्री विजय रोहतगी एवं लीला संयोजक शेखर गोयल ने बताया बुधवार को सायं 5 बजे गौशाला परिसर से कंस की दुहाई की सवारी निकाली जाएगी,जिसमें कंस के पिता उग्रसेन को कैद करने की लीला का मंचन भी दर्शाया जाएगा। इसके लिए कारागार स्वरूप विशेष रथ तैयार किया गया है। कंस का स्वरूप अपनी नगरी मथुरा,जो कि गौशाला परिसर में ही तैयार की गयी है से जोरदार अट्टाहास करते हुए नगर भ्रमण को निकलेगा।