सरकार कर रही धरोहरों का संरक्षण,परन्तु कुछ लोग कर रहे अवैध रूप से तोड़फोड़ और कब्जा



जेसीबी से तोड़ कर नष्ट कर रहे ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व की धरोहर,अविलंब रोके प्रशासन : पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। एक ओर केंद्र व प्रदेश की सरकार ऐतिहासिक,धार्मिक और पुरातात्विक महत्व की धरोहरों के संरक्षण व जीर्णोद्धार में जुटी है,वहीं कुछ लोग इन धरोहरों को जेसीबी मशीन से तोड़कर वहाँ अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं।

वरिष्ठ भाजपा नेता,उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बटेश्वर धाम मंदिर समिति के प्रमुख ट्रस्टी राजा अरिदमन सिंह ने भदावर हाउस से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस अवांछनीय गतिविधि की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि हमारे पूर्वज महाराजाधिराज श्री महेंद्र बदन सिंह जूदेव जी ने सन् 1644 ईस्वी में तीर्थ स्थल बटेश्वर में यमुना नदी के तट पर किला एवं मंदिरों का निर्माण करवाया। पूर्व वाहिनी यमुना नदी की मुख्य धारा को मोड़कर एक कोस लंबा अर्धचंद्राकार पक्का बांध बनवाया और पुनःपश्चिम दिशा में मोड़ दिया। इस पक्के बांध पर उन्होंने यमुना किनारे अद्भुत श्रृंखला बद्ध तरीके से 101 मंदिर बनवाये तथा सन् 1644 में भगवान शिव को श्री ब्रह्मलाल जी महाराज के नाम से स्थापित किया। 

इसी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के तीर्थ स्थल पर कुछ लोग विश्रांति स्थल (प्लेटफार्म) को तोड़कर अपने निजी अनधिकृत निर्माण का विस्तार कर रहे हैं जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह जी घाटों और मंदिरों का नवनिर्माण और संरक्षण करवा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जब वे यमुना के उस पार गए तो वहां देखा कि अवैध रूप से निर्मित बिल्डिंग के कारण बटेश्वर के तीन मंदिर बिल्कुल छिप गए हैं जबकि उनके संरक्षण का काम सरकार कर रही है। विश्रांति स्थल को जेसीबी से तोड़ा जा रहा है। इससे आगे के मंदिरों को भी क्षति पहुंच सकती है।उन्होंने शासन-प्रशासन से इस गैरकानूनी गतिविधि को तुरंत रोके जाने और तीर्थों के भांजे के रूप में विख्यात बटेश्वर धाम की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर को बचाए जाने की मांग की है।

रिपोर्ट - असलम सलीमी।