हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
दिल्ली : ट्रांसपोर्टर्स की शीर्ष संस्था "आल इण्डिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस' ने प्रस्तावित फिटनेस प्रमाणन शुल्क वृद्धि का कड़ा विरोध किया है। देशभर के वाहन स्वामियों ने आठ वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के प्रस्ता.फिटनेस प्रमाणन शुल्क वृद्धि का कड़ा विरोध व्यक्त करते हुए संस्था अध्यक्ष डॉक्टर हरीश सब्बरवाल ने कहा कि इससे अचानक और अत्यधिक बढ़ोतरी से व्यावसायिक और निजी वाहन स्वामियों के बीच व्यापक चिंता और आक्रोश व्याप्त हो गया है। डॉक्टर हरीश सब्बरवाल ने आगे कहा है कि सरकार प्रस्तावित निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए,इसे वापिस ले लेना चाहिए,अन्यथा स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है। जिससे अर्थव्यवस्था और आपूर्ति शृंखला पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। डॉक्टर हरीश सब्बरवाल ने आगे बताया कि 7 फरवरी 2025 को केंद्रीय सड़क परिवहन ओर राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी प्रस्तावित नए संशोधन के अनुसार मोटरसाइकिल, थ्री व्हीलर्स, फोर व्हीकल्स वाहनों के फिटनेस प्रमाणन शुल्क अधिकांश वाहनों के लिए रुपए 500 से 1500रुपए के मध्य था,जब कि भारी वाहनों के लिए 3000 रुपए निर्धारित था। जबकि नए मसौदा अधिसूचना में इन सभी शुल्कों को दुगने से अधिक कर दिया गया है और अब मोटरसाइकिलो को 8,15 वर्ष की अवधि के लिए 1000रुपए और 15 वर्ष के बाद 2000रुपए की प्रस्तावना दी गई है और इसी तरह थ्री व्हीलर्स और भारी वाहनों के लिए फिटनेस परीक्षण शुल्क 7000 रुपए से 25000रुपए तक निर्धारित किया गया है।
आगरा : संस्था के पूर्व प्रवक्ता एवं ट्रांसपोर्ट चेंबर वेलफेयर एसोसिएशन आगरा के अध्यक्ष वीरेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि नवीनतम नियमों ये अन्तर्गत अब निजी वाहनों के लिए आठ साल बाद फिटनेस प्रमाणन अनिवार्य कर दिए जाने का प्रस्ताव किया गया है,जो पहले 15 वर्ष के बाद आवश्यक था। गुप्ता ने आगे बताया कि टू व्हीलर्स, थ्री व्हीलर्स और फोर व्हीकल वाहनों को हर 6 महीने में कठोर फिटनेस परीक्षणों से गुजरना पड़ेगा,जिससे निजी वाहन स्वामियों और परिवहन संचालकों पर भारी बोझ पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा है कि बिना उचित परामर्श और आर्थिक प्रभावों पर विचार किए बिना, लागू किए जाने से आवश्यक वित्तीय संकट,भ्रष्टाचार और उत्पीड़न होने से परिवहन क्षेत्र में परिचालन बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।
संस्था अध्यक्ष डॉक्टर हरीश सब्बरवाल ने उक्त कदम उठाए जाने की,कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि इससे व्यावसायिक परिवहन स्वामियों और निजी वाहन स्वामियों के लिए गम्भीर आर्थिक बोझ पड़ने से आमजन के लिए परिवहन अधिक महंगा हो जाएगा और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। डॉक्टर हरीश सब्बरवाल ने कहा कि पहले से ही टोल, टायर, ईंधन आदि की बढ़ती कीमतों से परिचालन लागत बढ़ने से ट्रेड अस्थिर हो चुका है। डॉक्टर हरीश सब्बरवाल ने आगे कहा कि सरकार ने प्रस्तावित बढ़ाए गए सभी शुल्कों को 6मार्च 2025 तक वापिस नहीं लिया,तो सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करके सरकार की हठधर्मी को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं जाएंगे। जिससे सड़क आवाजाही प्रभावित होने की संभावना जताई गई है। डॉक्टर हरीश सब्बरवाल ने बताया कि प्रस्तावित फिटनेस प्रमाणन शुल्क वृद्धि का विरोध लिखित रूप से सरकार के संज्ञान में प्रेषित कर दिया गया है।