उप्र निर्यात वृद्धि अभियान का शुभारंभ,500 एमएसएमई इकाइयों को वैश्विक बाजार में ले जाने की ऐतिहासिक पहल

 


− प्रमुख सचिव आलोक कुमार बोले,30 वर्षों में पहली बार एमएसएमई पर इतना गहन और निरंतर फोकस दिखा 

− उप्र निर्यात वृद्धि अभियान को हस्तशिल्प,हैंडलूम,होम डेकोर क्षेत्र की इकाइयों के लिए किया गया है तैयार 

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

मुरादाबाद। उप्र सरकार के सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार,शुक्रवार को उप्र निर्यात वृद्धि अभियान के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि मेरे 30 वर्षों के प्रशासनिक जीवन में पहली बार एमएसएमई क्षेत्र पर इतना गहन और निरंतर फोकस देखा है। यह सरकार की आर्थिक सोच में एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है। 

शुक्रवार को होटल होलीडे रिजेंसी में अयोजित उप्र निर्यात वृद्धि अभियान का शुभारंभ समारोह उप्र लघु उद्योग निगम और इंडिया एसएमई फोरम द्वारा संयुक्त रूप से, केंद्र सरकार की रैंप योजना के अंतर्गत किया गया। यह अभियान राज्य की 500 एमएसएमई इकाइयों को पहली बार निर्यात के लिए तैयार करेगा।

समारोह का शुभारंभ एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार, डायरेक्टर जनरल सुषमा मोरथानिया, एमडी यूपीएसआईसी राजकमल यादव, जॉइंट कमिश्नर इंडस्ट्री योगेश कुमार, एसएमई फोरम अध्यक्ष विनोद कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया।

आलोक कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि यदि हम दुनिया के किसी भी सफल देश को देखें, तो दो स्तंभ उसकी सफलता की कुंजी होते हैं: पहला सशक्त निर्यात व्यवस्था और दूसरा मजबूत एमएसएमई क्षेत्र। उन्होंने कहा कि ये दोनों तत्व एक-दूसरे के पूरक हैं और उत्तर प्रदेश अब इसी राह पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि उप्र निर्यात वृद्धि अभियान को विशेष रूप से हस्तशिल्प, हैंडलूम और होम डेकोर क्षेत्र की इकाइयों के लिए तैयार किया गया है। यह योजना व्यावहारिक प्रशिक्षण और मेंटरशिप: निर्यात प्रक्रिया की जमीनी समझ, उत्पाद, पैकेजिंग और ब्रांडिंग में सहायता, अंतरराष्ट्रीय बाजारों और ई-कॉमर्स में भागीदारी,सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मार्गदर्शन पर आधारित होगी।

यूपीएसआइसी के प्रबंध निदेशक राज कमल यादव ने कहा कि यह अभियान केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार करना है जहां प्रत्येक उद्यमी को डिज़ाइन, मार्गदर्शन, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी और सरकारी सहायता तक आसान पहुंच मिले। उन्होंने यह भी बताया कि UP MSME 1-Connect पोर्टल (msme1connect.up.gov.in) देश का पहला एकीकृत पोर्टल है जो एमएसएमई को विशेषज्ञ सहायता, प्रोत्साहन कैलकुलेटर,सेक्टोरल डीपीआर और हेल्पलाइन (155343) जैसी सुविधाएं एक जगह पर उपलब्ध कराता है।

इंडिया एसएमई फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि राज्य के कुल निर्यात में से लगभग 45% हिस्सेदारी एमएसएमई इकाइयों की है। उन्होंने कहा, डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर और ई-कॉमर्स निर्यात के माध्यम से उत्तर प्रदेश की इकाइयाँ अब सीधे वैश्विक बाजारों तक पहुंच बना सकती हैं।

कार्यक्रम में बताया गया कि एमएसएमई इकाइयां इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए niryatvriddhi.in पर पंजीकरण कर सकती हैं। कार्यक्रम में विशेषज्ञों और सफल उद्यमियों की भागीदारी ने लघु एवं सूक्ष्म उद्यमियों को प्रेरित किया। पैनल चर्चाओं में डीजीएफटी, एक्सीम बैंक, इंडिया पोस्ट और इपीसीएच जैसे संस्थानों के प्रतिनिधियों ने उपयोगी जानकारी साझा की। संचित गुप्ता, अमित कुमार अग्रवाल, अवधेश अग्रवाल, नवीन शर्मा, संध्या शर्मा आदि ने अपने अनुभवों से नवाचार और निर्यात की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया।