तीर्थ स्थलों के पवित्र जल से हुआ श्रीजगन्नाथ जी का अभिषेक,गजानन स्वरूप में दिए दर्शन



महाअभिषेक महोत्सव (स्नान यात्रा) के रूप में मनाया श्री जगन्नाथ जी का प्राकट्योत्सव,विभिन्न तीर्थ स्थलों के जल,फलों के रस व दुग्ध के 251 कलशों से हुआ अभिषेक

मृदंग व मंजीरों पर श्रीहरि के कीर्तन पर भक्ति में खूब झूमे भक्त,भगवान जगन्नाथ की कथा सुन भक्ति में सराबोर हुए श्रद्धालु

हिन्दुस्तान वार्ता। 

आगरा। सतरंगी पोशाक से सजे और गजानन स्वरूप में श्रंगारित भगवान जगन्नाथ के पट खुलते ही जय जगन्नाथ और हरे कृष्णा हरे राम,राम राम हरे हरे... के भक्तिमय कीर्तन से परिसर गुंजायमान हो गया। शंखनाद की तरंगों संग गजानन के अलौकिक स्वरूप में बहन सुभ्रद्रा व भाई बलराम संग सिंहासन पर विराजे श्रीजगन्नाथ भगवान के दर्शन कर हर भक्त आनन्दित था। सतरंगी परिधान से श्रंगारित भगवान मानों पूर्णिमा के दिन चंद्रमा समान धरती पर विराजमान थे। वर्ष में एक बार श्रीजगन्नाथ प्राकट्योत्सव के अवसर पर श्रीजगन्नाथ जी के गजानन स्वरूप में दर्शन पाकर हर भक्त धन्य था। कहीं हरे राम हरे कृष्ण... पर झूमते श्रद्धालू तो कहीं हाथों में हरिनाम की मेहंदी लगवाते भक्त। श्रीहरि के पट खुले तो दोनों हाथ ऊपर कर हरि बोल के जयकारों के साथ मानों हर भक्त ने खुद को प्रभु के चरणों में समर्पित कर दिया। भक्ति और श्रद्धा की पावन गंगा की निर्मल धारा श्रद्धालुओं को आस्था के सैलाब बहा ले गई।     

लोहामंडी स्थित महाराजा अग्रसेन भवन में भगवान जगन्नाथ जी का प्राकट्योत्सव अन्तर्राष्ट्रीय श्रीकृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा महाअभिषेक महोत्सव (स्नान यात्रा) के रूप में भक्तिभाव के साथ मनाया गया। भगवान का महाअभिषेक वृन्दावन इस्कॉन से आए पंचतत्व प्रभु, हरविजय प्रभु,राधे श्याम महाराज, श्रीनिकेत प्रभु व आगरा इस्कॉन के अध्यक्ष अरविन्द प्रभु ने सम्पन्न कराया। गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा व उड़ीसा की महानदी (मंचनदियों) के जल, पंजामृत व फलों के रस के 251 कलशों से भगवान का अभिषेक किया गया। अभिषेक के बाद भगवान का गजानन स्वरूप में श्रंगार किया किया गया। भक्तों द्वारा तैयार 56 भोग भी लगाए गए। 

इस अवसर पर मुख्य रूप से महापौर हेमलता दिवाकर,नितेश अग्रवाल, शैलेश जी, शैलेन्द्र प्रभु, सुशील, राजेश उपाध्याय, आशु मित्तल, अदिति गौरांगी, संजय कुकरेजा, ओमप्रकाश अग्रवाल, ज्योति बंसल आदि उपस्थित थीं।  

मृदंग और मंजीरों संग महोत्सव स्थल पर पहुंचे श्रीहरि :

आगरा। महाअभिषेक से पूर्व सुबह 11 बजे श्रीहरि को मंदिर से मृदंग व मंजीरों संग कीर्तन के साथ अभिषेक स्थल महाराजा अग्रसेन भवन लोहामंडी पर लाया गया। जहां अभिषेक से पूर्व मंगलाचरण व गीत गोविन्द का भी आयोजन हुआ। तुलसी जी से स्तवन किया। शोढषो उपचार में 16 प्रकार के उपचार कर वैदिक मंत्रोच्चारण से भगवान का अह्वान किया गया। अंत में वर्ष में एक बार आयोजित होने वाली गजानन स्वरूप की महाआरती की गई। 

श्रीजगन्नाथ जी 26 जून तक ग्रहण नहीं करेंगे चावल,रोटी का भोग : महाअभिषेक महोत्सव के बाद से 26 जून तक श्रीहरि का चावल,रोटी का भोग नहीं लगेगा। मान्यता के अनुसार बीमार पड़े श्रीहरि को इन दिनों खिचड़ी,दलिया,चव्नप्राश,विभिन्न प्रकार के काड़े व अन्य औषधियां दी जाएंगी। भगवान जगन्नाथ 25 जून तक भक्तों को भी दर्शन नहीं देंगे। स्वास्थ ठीक होने के बाद 26 जून को नयम उत्सव में श्रीहरि बहन सुभद्रा व भाई बलराम के साथ भक्तों को दर्शन देंगे। 27 जून को बल्केश्वर स्थित महादेव मंदिर से रथयात्रा का आयोजन होगा।   

श्रीहरि के नाम की मेहंदी भी लगाई :

आगरा। महाअभिषेक महोत्सव में भक्तों ने श्रीहरि के नाम की मेहंदी भी लगाई। माथे पर चंदन लगाकर सभी भक्तों का स्वागत किया गया। बच्चों व भक्तों के लिए श्रीहरि, सुभद्रा व बलराम के विग्रह स्वरूपों संग अभिषेक की व्यवस्था की गई। सभी भक्तजन गोपी ड्रेस व धोती कुर्ता पहनकर भगवान के गजानन स्वरूप के दर्शन करने पहुंचे। 

इस्कॉन यूथ फोरम के विद्यार्थियों ने दी भक्तिमय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां :

 इस्कॉन यूथ फोरम के विद्यार्थियों की मनमोहक भक्तिमय प्रस्तुतियों ने हर भक्त का मन मोह लिया। 50 से अधिक विद्यार्थियों ने जब मृदंग और मंजीरे पर हरे राम, हरे कृष्ण...,का संकीर्तन किया तो भक्त भी भक्ति की गंगा में शामिल हो गए। कृष्ण-सत्यभामा और महाभारत के प्रसंगों के मंचन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सांस्कृति प्रस्तुतियां विभिन्न स्कूलों के इसकॉन यूथ पोरम से जुड़े विद्यार्तियों द्वारा दी गई।