आरए मूवीज की 'दहेज का चक्रव्यूह' फिल्म के प्रीमियर शो में दर्शक हुए भाव विभोर



जो मांगे दहेज,उससे करो परहेज

फिल्म से मिली बेटियों को अपने पैरों पर खड़े करने की सीख

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। जो भी दहेज की डिमांड करे, उससे परहेज करें। पुराने समय में स्वेच्छा से दिए उपहार और डिमांड कर मांगी चीजों के अंतर को समझें। ईश्वर द्वारा माता पिता को दिया सबसे अमूल्य उपहार होती है बेटी। उसे पाकर भी जो खुश नहीं वह दुनिया का सबसे बड़ा लालची है। कुछ ऐसे ही सामाजिक संदेश देती हुई फिल्म दहेज का चक्रव्यूह के प्रीमियर शो को देख सभी दर्शक भाव विभोर हो उठे। आज भी दहेज जैसी कुरीति की बेड़ियों में जकड़े समाज को एक नई राह दिखाती नजर आयी आरए मूवीज की फिल्म दहेज का चक्रव्यूह। जिसमें एक बेटी दहेज की प्रताड़ना और उत्पीड़न झेलने के बाद किस तरह नौकरी कर न सिर्फ अपने पैरों पर खड़ी होती है बल्कि महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित होती है। 

डॉ.एमपीएस वर्ल्ड स्कूल में योजित प्रीमियर शो का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डवलपमेंट काउंसिल ऑफ फुटवियर एंड लैदर इंडस्ट्री के चेयरमैन पूरन डावर व डॉ.एमपीएस ग्रुप ऑफ स्टीट्यूशन्स के चेयरपर्सन एके सिंह ने किया। कहा कि बेटी से बड़ा धन कोई नहीं। जो आपकी बेटी को पाने के बाद भी धन की डिमांड करे,वह उसे कभी सुखी नहीं रख सकता। इसलिए ऐसे लोगों से सावधान रहें। फिल्म प्रड्यूसर रंजीत सामा ने बताया कि फिल्म सत्य घटना पर आधारित है। जिसमें सभी कलाकार आगरा के है। फिल्म दर्शाती है कि आज भी लोग भगवान के सबसे खूबसूरत और मूल्य उपहार बेटी को पाकर खुश क्यों नहीं होते। किस तरह एक पिता अपना सब कुछ बेचकर या उधार लेकर बेटी का घर बसाता है,लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से ससुरालीजनों की डिमांग शादी के बाद तीज त्योहार और बच्चे होने तक ही नहीं बच्चे की शादी होने तक बनी रहती हैं। डिमांड पूरी न हो तो बेटी के साथ उत्पीड़न और जान का खतरा। इस समस्या को केवर जागरूकता और बेटियों को सक्षम बनाकर ही खत्म किया जा सकता है।

इस अवसर पर मुख्य रूप से अमर देव साहनी, वीरबल खान, अनिल अरोड़ा, वीरू गुप्ता, अप्सा अध्यक्ष सुशील गुप्ता, संजीव कोचर, जितेन्द्र फौजदार, जय गुप्ता, रेनू गुप्ता, कुसुम महाजन, दीपा लालवानी, नारायण बहरानी, प्रमोद महाजन, सुधीर महाजन, जोगेन्द्र लूथरा, प्रदीप सरीन, प्रमोद वर्मा, सुभाष मल्होत्रा, अनिल लाल, पवन आगरी, मयंक जैन,रविन्द्र अरोड़ा,अरुण जैन आदि उपस्थित थे।     

यो हैं फिल्म के पुरोधा : 

फिल्म निर्माता रंजीत सामा, विजय सामा, सह निर्माता अजय शर्मा, ब्रजेश शर्माव निर्देशन अविनाश वर्मा व क्रिएटिव निर्देशक रंजीत चौधरी हैं। स्क्रिप्ट राइटर महेश धाकड़, फिल्म के गीत संजय दुबे व सुजाता शर्मा ने लिखे हैं। एनीमेशन सुहैल यासीन, डबिंग दीपक जैन की है। मेकअप मानसी, रोहित सिकरवार, दुर्गेश शर्मा, तकनीकि सहयोग रोहित सिकरवार, सह निर्देशक नवल बाबा है। फिल्म में अभिनय जीतेश आशीवाल, मोनिका यादव, सोमनाथ यादव, उमाशंकर मिश्र, राहुल अचलेष गुप्ता, सोना वर्मा, पूजा शर्मा, साक्षी शर्मा, नाइरा शर्मा, अवधेष उपाध्याय, मुकेश नेचुरल, राहुल यादव, महेश चंद, राजीव कोचर, हरीश लालवानी,धनन्जय गुप्ता, शोभित बाबू ने किया है।