डिस्कवरी ऑफ सेल्फ(Dos)पुस्तक का भव्य विमोचन



मानसिक स्वास्थ्य,आत्म-जागरूकता और व्यक्तिगत विकास पर आधारित अभिनव साइकोमेट्रिक टूल का शुभारंभ

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड हॉस्पिटल आगरा के सभागार में शनिवार को “Discovery of Self (DoS) : Assessment, Diagnosis & Self-Improvement” नामक पुस्तक का औपचारिक विमोचन किया गया। यह पुस्तक मानसिक स्वास्थ्य, आत्म-जागरूकता और व्यवहारिक प्रवृत्तियों के आकलन हेतु विकसित DoS Scale नामक वैज्ञानिक टूल का विस्तृत परिचय कराती है।

पुस्तक के सह-लेखकों में प्रतिष्ठित शिक्षाविद शामिल हैं।

 नवीन गुप्ता,निदेशक,हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड कंप्यूटर स्टडीज (HIMCS)

प्रो.शाह मोहम्मद खान,मनोविज्ञान विभाग,एएमयू,प्रो.अंजू जैन,प्रमुख, अर्थशास्त्र विभाग, आरबीएस कॉलेज

डॉ.अभिलाषा सिंह राधन व डॉ.रिजु अधमाल सिंह, प्रबंधन विभाग,HIMCS

कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) दिनेश सिंह राठौर द्वारा किया गया,जो कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भी थे।

विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे :

प्रो. (डॉ.) नोव रतन शर्मा, निदेशक, AIBAS

डॉ.अशोक विज,प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ

डॉ.अरविंद जैन,मधुमेह रोग विशेषज्ञ

डॉ.आर.एस.पवित्र,निदेशक,SCST

इसके अतिरिक्त,शहर के गणमान्य नागरिक,मनोवैज्ञानिक,चिकित्सक, शिक्षाविद और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

क्या है DoS स्केल ?

यह पुस्तक DoS (Discovery of Self) नामक एक वैज्ञानिक स्व-मूल्यांकन टूल को प्रस्तुत करती है, जो व्यक्ति के व्यवहार,संज्ञानात्मक शैली और निर्णय लेने की प्रवृत्तियों का आकलन करता है। इसमें चार उप-पैमाने शामिल हैं :

1. Energy Well-Spring Scale (EWS) – ऊर्जा स्रोतों की पहचान

2. 2. Information Processing Scale (IPS) – जानकारी को ग्रहण और विश्लेषण करने की शैली

3. Decision-Making Scale (DMS) – निर्णय पर भावनाओं और सोच का प्रभाव

4. Structural Adaptability Scale (SAS) – बदलावों के प्रति लचीलापन

यह उपकरण छात्रों,शिक्षकों, प्रबंधकों, काउंसलर्स और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पेशेवरों के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

प्रशिक्षण कार्यशाला और पैनल चर्चा :

विमोचन अवसर पर श्री नवीन गुप्ता द्वारा इंटरेक्टिव वर्कशॉप का आयोजन किया गया,जिसमें DoS स्केल के दो प्रमुख आयामों को जीवन्त उदाहरणों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।

प्रो.शाह मोहम्मद खान ने इसके वैज्ञानिक विकास,सांख्यिकीय प्रमाणीकरण और मनोवैज्ञानिक महत्व को विस्तार से बताया।

समारोह का समापन पैनल चर्चा के साथ हुआ जिसका विषय था “वर्तमान मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियाँ और समाधान”। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि DoS जैसे आत्म-मूल्यांकन उपकरण शैक्षणिक संस्थानों, कार्यस्थलों और चिकित्सीय परिप्रेक्ष्य में मानसिक स्पष्टता, लचीलापन और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने में अत्यंत उपयोगी हैं।