श्री गणेश उत्सव के चतुर्थ दिवस पर नील वर्ण श्रृंगार और श्वेत पुष्प बंगले में विराजे श्री वरद वल्लभा गणपति


हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। श्री वरद वल्लभा महागणपति मंदिर में श्री गणेश जी उत्सव का चतुर्थ दिवस भक्तिमय उल्लास और दिव्यता के साथ मनाया गया। शुक्रवार को भगवान गणपति बप्पा ने नील वर्ण वस्त्र धारण किए और श्वेत पुष्पों से सजे भव्य बंगले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए। मस्तक पर सुशोभित त्रिपुंड तिलक ने इस दिव्य श्रृंगार को अलौकिक छटा प्रदान की।

इस अवसर पर रवि शंकर अग्रवाल और उषा अग्रवाल ने भगवान गणपति को विशेष वस्त्र व श्रृंगार अर्पित कर पूरे दिन का भोग समर्पित किया। भोग में शुद्ध घी से बने मोदक, बेसन लड्डू, पंचामृत, नारियल, केले, सेव फल, अनार, अंगूर और मौसमी फलों के साथ-साथ विविध व्यंजन परोसे गए।

विशेष रूप से भगवान को शहद, खजूर और सूखे मेवों से सुसज्जित नैवेद्य अर्पित किया गया।मंदिर का पूरा परिसर दिल्ली से विशेष रूप से मंगाए गए श्वेत फूलों—मोगरा,चंपा और गुलाब की मालाओं से सजाया गया। भगवान का बंगला पूर्णतः श्वेत पुष्पों से निर्मित था,जो निर्मलता और शांति का प्रतीक बना। दीपों और सुगंधित धूप की महक से वातावरण और भी पावन हो उठा।

सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर पहुँचकर गणपति बप्पा के दर्शन हेतु उमड़ते रहे। दिनभर मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण, गणपति स्तोत्रपाठ और संगीतमय भजनों की गूँज रही। जब शाम की महाआरती में ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयघोष गूँजे तो पूरा परिसर भक्तिरस में सराबोर हो उठा।

भक्तों ने नील वर्ण श्रृंगार और श्वेत पुष्प बंगले में विराजमान गणपति बप्पा के दर्शन को जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया।