चैम्बर ऑफ़ फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की सेमिनार आयोजित

- बैंक ऋण के बोझ से मुक्त होकर एसएमई आईपीओ के माध्यम से मिलेगी वैश्विक पहचान- नीता प्रसाद

- एसएमई आईपीओ के माध्यम से विकास को प्रोत्साहित करना एवं सतत विस्तार हेतु इक्विटी मूल्यांकन को अनलॉक करना विषय पर भव्य संगोष्ठी 

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। चैम्बर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (सीएफपीआईए) द्वारा मंगलवार को आईटीसी मुगल, फतेहाबाद रोड पर एसएमई आईपीओ के माध्यम से विकास को प्रोत्साहित करना एवं सतत विस्तार हेतु इक्विटी मूल्यांकन को अनलॉक करना विषय पर भव्य संगोष्ठी आयोजित की गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता नीता प्रसाद और सर्वेश कुमार (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एस्पायरिंग एसएमईएस विभाग दिल्ली) ने चैम्बर अध्यक्ष राजकुमार भगत, संरक्षक राजेश गोयल, महासचिव अनुज सिंघल, मुख्य सलाहकार मनीष अग्रवाल ‘रावी’, उपाध्यक्ष नितिन गोयल, आशीष गर्ग, सचिव विकास चतुर्वेदी, सिद्धार्थ अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, शैलेश अग्रवाल के साथ दीप प्रज्वलित कर किया। संचालन सीएस अनुज अशोक ने किया।

संगोष्ठी में आईपीओ का महत्व बताते हुए मुख्य वक्ता नीता प्रसाद ने कहा कि यदि कोई उद्योग लगातार तीन वर्षों तक सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है और उसकी शुद्ध आय एक करोड़ रुपये या उससे अधिक है, तो वह अपना एसएमई आईपीओ ला सकता है। आईपीओ के माध्यम से उद्योगपति बैंक ऋण और ब्याज की अनिश्चितताओं से मुक्त होकर अपनी कंपनी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला सकते हैं।आईपीओ के माध्यम से लिस्टेड होने पर विदेशी निवेशक और बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी निवेश करने के लिए आकर्षित होती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि परंपरागत पूंजी जुटाने के उपाय (प्रमोटरों की इक्विटी, मित्रों व परिजनों से पूंजी, मुनाफे का पुनर्निवेश, बैंकों से ऋण) की तुलना में आईपीओ कहीं अधिक सुरक्षित और व्यापक विकल्प है। प्रश्नोत्तर सत्र में उपस्थित उद्यमियों को आईपीओ प्रक्रिया उसके लाभ और कानूनी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई।

सर्वेश कुमार ने कहा कि एसएमई आईपीओ छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए पारदर्शी एवं सुरक्षित पूंजी जुटाने का सशक्त माध्यम है।

अध्यक्ष राजकुमार भगत ने कहा कि आने वाले समय में एसएमई आईपीओ उद्योग जगत की रीढ़ साबित होंगे।

महासचिव अनुज सिंघल ने उद्यमियों से इस अवसर का लाभ उठाने और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।

मुख्य सलाहकार मनीष अग्रवाल ‘रावी’ ने कहा कि आईपीओ केवल पूंजी का साधन ही नहीं, बल्कि कंपनी के ब्रांड मूल्य और विश्वसनीयता को मजबूत करने का जरिया भी है।

संस्था की सलाहकार समिति के सीएस अनुज अशोक ने कहा कि आज उद्यमियों को चाहिए कि वे अपने वित्तीय दस्तावेजों और खातों को पारदर्शी एवं व्यवस्थित रखें, ताकि आईपीओ लाने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अड़चन न आए। उन्होंने उद्यमियों को भरोसा दिलाया कि आईपीओ केवल बड़े कॉरपोरेट्स का अधिकार नहीं बल्कि लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए भी खुला अवसर है।

संगोष्ठी के उपरांत हुई कार्यकारिणी बैठक में जून 2025 में आयोजित प्रदेश के पहले फूड एक्सपो की समीक्षा की गई तथा वर्ष 2026 में आयोजित होने वाले फूड एक्सपो की प्रारंभिक रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया गया।

सचिव विकास चतुर्वेदी ने कार्यकरणी बैठक में कहा की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में आगरा जनपद यूपी में प्रमुख भूमिका निभा रहा है ऐसी स्तिथि में प्रदेश सरकार को फ़ूड प्रोसेसिंग विस्तार और विकास के लिए आगरा जनपद में प्रमुख योजनाएं और अनुदान देने होंगे ।

मुख्य कार्यकारणी सदस्य राजेश गोयल "माना" ने कहा कि फ़ूड प्रोसेसिंग क्षेत्र के विकास के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय खाद्य उत्पादनो को महत्व मिल रहा है ऐसी स्थति में निर्माता इकाईओं को अंतरास्ट्रीय स्तर की पैकेजिंग एवं गुणवत्ता पर ध्यान रखना होगा सरकार को फ़ूड इकाईओं के दृश्टिकोण से फ़ूड टेस्टिंग लैब के निर्माण को वरीयता देनी होगी। 

कार्यक्रम का समापन उपाध्यक्ष आशीष गर्ग द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर अशोक लालवानी,अभिषेक चौरसिया,दर्पण अग्रवाल, अमित गोयल, मोहित सिंह, सनी शर्मा,अभिनव रस्तोगी,मगन मित्तल, विमल गोयल, अभिषेक जैन, विकास बंसल आदि उपस्थित रहे।