प्रभु श्रीराम की दिव्य भव्य राजसी बरात निकली

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा :17 सितम्बर, प्रभु श्रीराम की दिव्य राजसी बरात बुधवार को निकली,तो रावतपाड़ा क्षेत्र अवधपुरी बना नजर आया। दूल्हा बने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम रत्नजटित मुकुट और स्वर्णाभूषणों से सुसज्जित हो ऐरावत हाथी के रथ पर विराजमान हुए, तो श्रद्धालुओं के चेहरे अपार उल्लास और आस्था से दमक उठे। मस्तक पर सजा सूर्यवंशी चंदन उनकी वीरता का गुणगान कर रहा था। उनके अद्वितीय रूप को देखकर जन-जन अभिभूत हो उठा और पूरा नगर राममय हो गया। बरात प्रारंभ होते ही जब रिमझिम वर्षा आरंभ हुई, तो लगा प्रभु की अद्वितीय,अलौकिक और मनोहारी आभा देखने को इंद्र समेत समस्त देवता भी स्वर्ग से धरती पर उतर आए हों। इस मनोहारी छवि निहारने को श्रद्धालु लालायित थे।

यह अति मनोरम दृश्य उत्तर भारत के पारंपरिक श्रीरामलीला महोत्सव में बुधवार को निकाली गई प्रभु श्रीराम की बरात में दिखाई दिया। 

जन-जन के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम पिता राजा दशरथ, मुनि विश्वामित्र और गुरु वशिष्ठ और तीनों भाईयों के साथ वरयात्रा लेकर निकले। बरात परंपरागत मार्ग से गुजरी,तो प्रतीक्षा में बैठे श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर प्रभु की आरती उतारी और आशीर्वाद लिया। बरात में श्रीराम के रथ से आगे तीनों अनुज अपने-अपने रथों पर सवार हो निकले। बरात की भव्यता 128 झांकियों के साथ 15 रोड शो,दो अखाड़े और सुर-लहरियां बिखेरते प्रसिद्ध 15 बैंडों ने बढ़ाई। एक झांकी पीएम मोदी जी की भव्य प्रतिमा को दर्शा रही थी,जो दर्शकों को आकर्षित कर रही थी।

राम बरात रावतपाड़ा से दरेसी, छत्ता बाजार, कचहरी घाट, बेलनगंज, धूलियागंज, किनारी बाजार, सिटी स्टेशन रोड, घटिया आजम खां चौराहा, छिली ईंट रोड, फुलट्‌टी बाजार, सेब का बाजार होते हुए जौहरी बाजार पहुंचकर संपन्न हुई। इसके बाद स्वरूपों को कारों में सीधे कमलानगर ले जाया गया।। कमलानगर में गुरुवार की सुबह अगवानी के बाद बरात ने जनकमहल पहुंच कर विश्राम किया।

रिपोर्ट- असलम सलीमी