“जग छूटे तो छूटे, मोहे तो गिरधर से प्रीत लगानी है…”
बल्केश्वर में पहली बार गूंजे मीरा के पद, भक्ति ने छू लिया भावों का शिखर
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। भक्ति और प्रेम का संगम,त्याग और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण, और ईश्वर-प्रेम की अमर कथा —शुक्रवार की संध्या बल्केश्वर गौशाला प्रांगण में उस समय ऐतिहासिक बन उठी, जब श्रीकृष्ण लीला महोत्सव में पहली बार मीरा चरित्र लीला का मंचन हुआ।
श्री भगवान दास बंसल, विष्णु दयाल बंसल, सुनील विकल ने स्वरूपों की आरती की।
श्री रास बिहारी कृपा सेवा ट्रस्ट, वृंदावन के कलाकारों ने जब भक्त शिरोमणि मीराबाई के जीवन का रसपूर्ण प्रसंग प्रस्तुत किया, तो हर दिशा में कृष्ण-नाम, प्रेम-रस और भक्ति-तरंगों की दिव्यता छा गई। प्रांगण में उपस्थित श्रद्धालु ऐसा अनुभव कर रहे थे मानो स्वयं मीरा उनके मध्य विराजमान हों और गिरधर गोपाल के समक्ष प्रेम-समर्पण गीत गा रही हों।
कार्यक्रम का प्रारंभ मधुर पद गायन से हुआ, “नहिं मैं पीहर सासरे, नहिं पियाजी री साथ। मीरा ने गोबिन्द मिल्या जी, गुरु मिलिया रैदास॥”
इन पंक्तियों की ध्वनि ने वातावरण में ऐसी पवित्रता और शांति घोली कि भक्तजन समाधि जैसी अनुभूति में डूब गए।
मीरा चरित्र स्वरूप ने बाल्यकाल की मीरा से लेकर राजमहल की कंटीली राहों, गुरु रविदास से दिव्य भेंट, परिजनों के विरोध, विष-प्याला, और अंतत: कान्हा में पूर्ण समर्पण तक के हर प्रसंग को अत्यंत भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया।
“मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई” की प्रस्तुति ने भावों का ज्वार फूट पड़ा। अनेक दर्शक आंखें बंद कर इस भक्ति-रस में खो गए।
इसके पश्चात जब मंच से “पायोजी मैंने राम रतन धन पायो” गूंजा, तो वातावरण जैसे स्वर्गिक हो उठा। कई भक्तों की आंखों से भावाश्रु झरते रहे, होठों पर ‘जय श्रीकृष्ण’ का जप थमता न था। मीरा का संदेश मंच से स्पष्ट गूंजा कि “जिनके हृदय में गिरधर, उन्हें जगत का भय कैसा।”
रास मंडली के निर्देशक स्वामी प्रदीप कृष्ण ठाकुर ने बताया कि यह प्रस्तुति केवल एक लीला नहीं, बल्कि नारी शक्ति, समर्पण, और आध्यात्मिक साहस का पवित्र संदेश है। मीरा की कथा यह संदेश देती है कि भक्ति का मार्ग कठिन हो सकता है, परंतु ईश्वर कृपा से वही विजय पाता है जो सच्चा भक्त हो। श्रोताओं ने कलाकारों को दीर्घ तालियों के साथ अभिनंदन किया।
शनिवार को होगा श्री गिर्राज जी का पूजन :
अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि आज भक्तिमार्ग का ऐसा अनूठा दृश्य देखने को मिला जो सदियों तक स्मरण रहेगा। मीरा की भक्ति ने हृदयों में कृष्ण-प्रेम का अमृत घोल दिया। उन्होंने बताया कि शनिवार को श्री गिर्राज पूजन एवं छप्पन भोग लीला का दिव्य मंचन होगा। साथ ही अन्नकूट की प्रसादी का वितरण किया जाएगा। उन्होंने सभी भक्तों से इस पावन आयोजन में सम्मिलित होने और गिरिराज महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने का आग्रह किया।
ये रहे उपस्थित :
कार्यक्रम में अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, महामंत्री विजय रोहतगी, कोषाध्यक्ष संजय गोयल, लीला संयोजक शेखर गोयल, आयुष बंसल, विनीत सिंघल, लक्ष्मण शर्मा, केसी अग्रवाल,उत्तम चंद अग्रवाल, अशोक गोयल, ब्रजेश अग्रवाल, संजय चेली, संजय गर्ग, मनोज बंसल आदि उपस्थित रहे।




