हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। श्रीकृष्ण लीला महोत्सव के नौवें दिव्य दिवस लीला स्थल बल्केश्वर स्थित गौशाला पर पहली बार वीर अभिमन्यु चक्रव्यूह लीला का अद्भुत, हृदय–स्पर्शी और भाव–विह्वल कर देने वाला मंचन हुआ। महाभारत के इस ऐतिहासिक प्रसंग ने उपस्थित श्रद्धालुओं को गर्व, करुणा और वीर भाव से भर दिया। पूरा वातावरण “अभिमन्यु अमर रहें”, “जय श्रीकृष्ण” और “धर्म की जय हो” के जयघोष से गुंजायमान हो उठा।
स्वरूपों की आरती अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, लीला संयोजक शेखर गोयल, महामंत्री विजय रोहतगी, कोषाध्यक्ष संजय गर्ग ने की। इसके बाद मंचन में दर्शाया गया कि जब कुरुक्षेत्र युद्ध के सातवें दिन अर्जुन युद्धभूमि से दूर थे, तब कौरव पक्ष ने भयंकर चक्रव्यूह रचा। पांडवों की रक्षा हेतु आगे बढ़े अभिमन्यु ही एकमात्र योद्धा थे जिन्हें इस दुर्धर्ष व्यूह में प्रवेश का ज्ञान था।
गर्भ में ही अर्जुन से सुनी विज्ञानपूर्ण युद्ध शिक्षा, वही आधार बनी उनके अद्भुत साहस का। किंतु बाहर निकलने का रहस्य अधूरा रह गया क्योंकि माता सुभद्रा निद्रा में चली गई थीं। धर्म की रक्षा, मातृभूमि की आन और पांडव सेना के सम्मान हेतु अभिमन्यु ने निर्भीकता से चक्रव्यूह में प्रवेश किया। मंचन में छह द्वारों को भेदते हुए अभिमन्यु का तेजस्वी प्रदर्शन दर्शकों में ऊर्जा भर गया।
लीला में दुर्योधन पुत्र का वध और इसके पश्चात जयद्रथ द्वारा मार्ग बंद करने के दृश्य ने हृदय को द्रवित कर दिया।कौरवों ने नियमों का उल्लंघन कर गुरुओं और महारथियों को एक साथ भेजा और धर्म के युवा सूर्य अभिमन्यु ने अद्वितीय उत्साह से अंतिम श्वास तक युद्ध किया। जब अभिमन्यु का शस्त्रहीन होकर भी धर्म की रक्षा हेतु अंतिम किनारा तक लड़ने का दृश्य मंचित हुआ तो दर्शकों की आँखें नम हो उठीं। कई भक्त खड़े होकर वीर बालक को नमन करते दिखाई दिए।
भजन “बचपन में किया वचन निभा गए… शूरवीर अभिमन्यु” जैसे पदों ने वातावरण को करुणा और गर्व से भर दिया।भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में दीप अर्पित करते हुए श्रद्धालुओं ने अभिमन्यु की आत्मा को प्रणाम किया।
वीर अभिमन्यु की गाथा युवाओं के लिए प्रेरणा :
श्री कृष्ण लीला महोत्सव समिति अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि अभिमन्यु वीरता, कर्तव्यनिष्ठा और धर्म पर अडिग रहने का आदर्श हैं। यह प्रसंग हमारी युवा पीढ़ी को त्याग, साहस और राष्ट्रधर्म का संदेश देता है। लीलाओं के माध्यम से हम सनातन संस्कृति की अमूल्य धरोहर को समाज तक पहुँचा रहे हैं।
सोमवार को होगा कंस वध :
मनीष अग्रवाल ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि दसवें दिन सोमवार को अक्रूर गमन, कंस वध एवं भव्य आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा। सभी श्रद्धालुओं से आग्रह है कि इस रोमांचक और दिव्य लीला दर्शन हेतु सपरिवार पधारें।
ये रहे उपस्थित :
इस अवसर पर गिर्राज बंसल, विष्णु अग्रवाल राधे-राधे,मनोज बंसल, अशोक गोयल, संजय गर्ग, लक्ष्मण शर्मा, ब्रजेश अग्रवाल, अनूप गोयल, अनीश अग्रवाल, विनीत, केसी अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।



