काबिलेगौर:सत्ता के हैं कई नाथ। फिर भी आगरा है अनाथ।। अनिल शर्मा "प्रमुख समाज सेवी"।

 


हिन्दुस्तान वार्ता। आगरा

आगरा के जन प्रतिनिधियों की उनकी पार्टी ही नहीं सुनती। दावा डबल इंजन की सरकार का,एक भी इंजन नहीं काम कर रहा आगरा में। 

जूता उद्योग,हाल ही में लगी इंटरनेशनल प्रदर्शनी के बाद अति उत्साहित है ,और जल्द ही आगरा को जूता कैपिटल बनाने की बात कर रहा है। बढ़िया है,होना भी चाहिए,पर क्या बिना इन्फ्रास्ट्रक्चर यह हो पाएगा? विडंबना ये है कि बोलता कोई नहीं।

गृह मंत्री ने ग्वालियर में नए सिविल एंक्लेव का भूमि पूजन किया, अच्छा लगा। आगरा कई सालों से मांग कर रहा है, पर काल्पनिक कारणों से आगरा के सिविल एंक्लेव के स्थानांतरण को अटका रखा है। वहीं मुख्य मंत्री अलीगढ़ में हवाई जहाजों के रिपेयर के लिए प्रगतिशील हैं। आगरा के जन प्रतिनिधि चुप हैं, विपक्ष मुद्दों की राजनीति करना चाहता है,पर असल मुद्दों पर मुंह मोड़ कर रखता है। 

 ना जन प्रतिनिधियों, ना विपक्ष और ना ही आगरा के बिजनेस करने वालों के पास विजन है, शहर के परिवर्तन का। पर एक होड़ में व्यस्त हैं। नागरिक अपनी युवा पीढ़ी को आगरा के बाहर संभावनाओं को तलाशने के लिए भेजने को मजबूर है।

आगरावासियों ने 35 साल से भाजपा को सिर पर बिठा रखा है। बदले में शहर को मिला क्या ? सिर्फ वादे और वादे....

समय आ चुका है जब आगरा को हिन्दू-मुस्लिम वोट राजनीति से बाहर निकल कर आगरा की वास्तविक जरूरतों के बारे में सोचना होगा।

इसीलिए ये कहावत..आगरा के लिए यथार्थ सिद्ध हो रही है। कि...

 सत्ता के हैं कई नाथ। पर फिर भी आगरा है अनाथ।।

वाह ताज..! वाह ताजनगरी के नाथ !

✍️अनिल शर्मा

           सचिव

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा