हिन्दुस्तान वार्ता।
आगराः मानस मर्मज्ञ संत श्री विजय कौशल जी महाराज ने कहा कि जो लोगों को रुलाए, ऋषिओं दुखी करे, पूजा पाठ में विघ्न डाले, वही रावण है। ऐसे लोगों को कभी यश नहीं मिलता। ऐसे लोगों से दूरी बनाकर ही रहना चाहिए।
मंगलमय परिवार द्वारा कोठी मीना बाजार में आयोजित श्रीराम कथा का रविवार को अंतिम दिन था। श्री विजय कौशल जी ने कहा कि भगवान श्रीराम बहुत ही सुकोमल हृदय के थे। दुश्मन को भी सताने में विश्वास नहीं रखते। उन्होंने प्रसंग सुनाया कि मेघनाद के वध के बाद उसका शव वानर सेना के कब्जे में था। उसकी पत्नी मंदोदरी उसके शव को चाहती थी। वह रावण के दरबार में गई और रावण से विनती की कि वह किसी भी तरह से उन्हें वह शव दिलवा दे। इस पर रावण फूट-फूट कर रोया। बोला, मैं ऋषि पुत्र हूं, वेदों का ज्ञाता हूं। वेद पाठ सुनाने मुझे स्वयं ब्रह्मा जी आते हैं। भगवान शंकर का स्वयं मेरे महल में आते हैं। लोग शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते हैं, लेकिन मैंने उनका रुद्राभिषेक किया है। लेकिन मैं आचरण से राक्षस हूं। असली ब्राह्मण राम हैं। अतः तुम उनसे मेघनाद का पार्थिव शरीर मांगों, वे तुम्हें निराश नहीं करेंगे। सुलोचना राम दल के पास गई,भगवान श्रीराम ने सुलोचना को मेघनाद का शव दे दिया था।
भरत जी के चित्रकूट गमन के प्रसंग को भी महाराज ने बड़ी ही सजीवता के साथ सुनाया। उन्होंने भजन सुनाया-भरत चले चित्रकूट, श्रीराम को मनाने।
भारत सरकार के विधि एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल, प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाधाय, विधायक चौधरी बाबूलाल, पूर्व मंत्री डा.राम बाबू हरित, मुख्य यजमान मुरारी प्रसाद अग्रवाल व मीरा अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, महावीर मंगल, महेश गोयल, कमल नयन फतेहपुरिया, संजय गोयल, सरजू बंसल, हेमंत भोजवानी, मीडिया प्रभारी ऋषि अग्रवाल, हरीमोहन मित्तल,राकेशचंद जैन, विजय अग्रवाल, ओमप्रकाश गोयल सहित अन्य लोगों ने आरती उतारी।
समापन पर मंगलमय परिवार के अध्यक्ष घनश्याम दास अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन रूपकिशोर अग्रवाल ने किया। समापन के बाद सभी महिलाओं को कलश वितरण किए गए।
आगरा किला में नहीं लिखी थी हनुमान चालीसा:-
आगराः संत विजय कौशल महाराज ने स्पष्ट किया कि हनुमान चालीसा तुलसीदास ने काशी में लिखी थी, न कि आगरा किला की कैद में। बल्कि आगरा किला में हनुमानजी ने अपना चमत्कार दिखाया था।
संत श्री विजय कौशल जी, श्रीराम कथा के मुख्य यजमान मुरारी प्रसाद अग्रवाल (एकता बिल्डर्स) के आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं के शंकाओं का समाधान कर रहे थे। एक प्रश्न के जबाव में उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत प्रचार किया जा रहा है कि तुलसीदास ने आगरा किला की कैद में हनुमान चालीसा लिखी थी। जबकि तुलसीदास ने काशी में ही हनुमान चालीसा लिख दी थी। उसके बाद अकबर ने उन्हें आगरा किला में कैद कर दिया। जब काफी दिन हो गए तो उन्होंने जेल में तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। जिससे अकबर के दरबार और जेल में हजारों बंदर एकत्र हो गए थे। उन्होंने जर्बदस्त हंगामा किया। अकबर ने बीरबल को बुलाया तो उन्होंने बताया कि यह सब चमत्कार हनुमान जी का है। जब तक तुलसीदास को जेल से रिहा नहीं करोगे, तब तक यह उत्पात मचाते रहेंगे। इस पर अकबर ने तुलसीदास जी को रिहा कर दिया और बंदरों का उपद्रव बंद हो गया था। इस चमत्कार से अकबर भी हतप्रभ रह गया था।
विजय कौशल जी महाराज से इसी प्रकार अनेक प्रश्न किए गए, जिनके उन्होंने समुचित उत्तर दिए। प्रारंभ में गोविंद प्रसाद अग्रवाल, माधव प्रसाद अग्रवाल, मुरारी प्रसाद अग्रवाल- मीरा अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल ने संत विजय कौशल जी का शाल ओढ़ा कर अभिनंदन किया। इस मौके पर विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, लक्ष्मण गोयल, राधारानी, रंगेश त्यागी, राकेश आकांक्षा, विनोद गोयल, हरीशचंद्र आदि ने महाराज जी का स्वागत किया।