हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा
स्कूल की पढ़ाई के बाद क्या करना है, नेट पर ढूंढने के बाद गहन जानकारी के लिए "स्पेशलिस्ट या अनुभवी " से चर्चा
करने की जरूरत पड़ती है। माँ बाप के साथ टीचर और स्कूल के पुराने विद्यार्थी भी बताते हैं। इण्टर के बाद क्या करना है,कौन सा कोर्स करना है, कहाँ करना है। बहुत से एसे सवाल हर पढ़ने वाले युवा के मन मे असमंजस की स्थिति उत्पन्न करते हैं।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा अपने प्रयास से युवाओं को कैरियर काउन्सलिंग पर चर्चा करने का प्लैटफ़ार्म बनकर अपना योगदान दे रही है। अक्तूबर में श्री राजीव कृष्ण ,आईपीएस , एडीजी पुलिस,आगरा ज़ोन के साथ तीन स्कूलों के छात्रों का संवाद आयोजित कर, सफल कार्यक्रम किया।
आगरा में बहुत से स्कूल हैं, जहां ज़्यादातर बच्चे आर्थिक कमजोर तबके से आते हैं। जहां फीस देने के लिए भी परिवार को कड़ी मेहनत और खर्चों मे बचत करनी पड़ती है। कठिन प्रतिस्पर्दा के कारण प्रीमियर कॉलेज मे दाखिला ना मिलने के कारण, इन स्कूलों के बच्चों को विकल्प की जानकारी देना जरूरी है।
वैसे तो हर स्कूल सक्षम है, अपने छात्रों के हित में कार्य करने में। सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा खास कर उन स्कूल्स को अपना सहयोग देना चाहती है, जहां ज़्यादातर बच्चे आर्थिक स्थिति के संघर्ष के बाद भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उनके माँ बाप अपने बच्चे को शिक्षा देकर उज्वल भविष्य का सपना देख रहे हैं।
उनको आगे के उपलब्ध विकल्प बताने का प्रयास...संस्कृति यूनिवर्सिटी,मथुरा की काउंसलर सुश्री नेहा ने "मीरा गर्ल्स इंटर कॉलेज,ककरेठा" के छात्र छात्राओं से किया।
स्कूल के मैनेजर श्री भूप सिंह बघेल ने बताया कि कोरोना के बाद से स्कूल मे एड्मिशन कम हुए है। मीरा गर्ल्स इंटर कॉलेज की स्थापना 1989 में हुई थी । सन 2000 में इसको मान्यता मिली थी। स्कूल यूपी बोर्ड से संबंधित है। यहाँ के पुराने छात्र सुश्री सपना मुद्गल ने आईआईटी दिल्ली से बी टेक और एम टेक कर, अब पीएचडी कर रही है। 6-7 छात्र बी टेक करके अच्छी जगह नौकरी कर रहे हैं।वे भी अपने छात्रों को आगे पढ़ने के लिए आर्थिक मदद करते हैं। आज की परिचर्चा से छात्रों को लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम में सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सचिव अनिल शर्मा, सुश्री नेहा और स्कूल मैनेजर भूप सिंह बघेल आदि उपस्थित थे।