हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा
सिक्ख धर्म के पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी जिनका शहीदी गुरुपर्व भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व में श्रद्धा पूर्ण वातावरण में मनाया जा रहा है, उसी कड़ी में सिक्ख समाज की धार्मिक नुमायंदा केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माईथान पर प्रातः श्री अखंड साहिब का भोग पड़ा।
हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर भाई कमलजीत सिंह ने
तेरा कीया मीठा लागे हरि नाम पदार्थ नानक मांगे।
का गायन करते हुए कहा की जिस प्रकार जहाँगीर के आदेश पर चंदू दीवान ने गुरु जी को ज्येष्ठ के महीने इस तपती गर्मी में खोलते देग पर बैठाया ,फिर तपती तवी पर उपरांत गर्म रेत उनके शरीर पर डाली गई,परंतु शान्ति के पुंज इन अमानवीय अत्याचारो से नहीं डिगे और शान्ति पूर्वक बैठकर गुरुवाणी का पाठ करते रहे ।
इस अवसर पर विशेष रूप से पधारे सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह जी हेड ग्रंथी सचखंड श्री दरबार साहिब ने जगतार जी ने कथा करते हुए कहा की गुरु अर्जुन देव जी की सिक्ख धर्म में पहली शहादत हुई थी,उससे पूर्व इस्लाम ,पारसी ,यहूदी और धर्मो में शहादत हुई है। वहां शहादत से नहीं बचा जा सकता था लेकिन यहाँ ऐसा नहीं था और गुरु जी इसे परमात्मा का आदेश मानकर शान्ति पूर्वक कबूल की।इसीलिए उन्हें शहीदों का सरताज कहा जाता है दूसरी मुगल बादशाह जहांगीर ने यासा कानून के तहत मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई यह मंगोल नस्ल के राजा चंगेज खान ने शुरू की थी इसका मतलब जिसका सजा दी है।
उसे इतना तड़पड़ायो साथ मे उसका खून इस धरती पर नही गिरे।गुरु जी को भी पहले खोलते पानी की देग मे बैठाया फिर,गर्म तवे पर बैठाया उसके बाद खोलते तेल मे बैठाया लेकिन उन्हें उफ्फ नही की।बाद मे उन्हे रावी नदी मे बहा दिया।
गुरुद्वारा मिट्ठा खूँ से पधारे भाई हरजोत सिंह ,हजूरी रागी बिरजेंद्र पाल सिंह एवम अखंड कीर्तनी जत्था के भाई जसपाल सिंह जी ने भी गुरवाणी का गायन किया।
गुरुद्वारा माई थान पर इस अवसर पर,एस एन मेडिकल कॉलेज के सहयोग से रक्तदान शिविर भी लगाया गया।
कार्यक्रम मे प्रधान कंवल दीप सिंह,हेड ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह,समन्वयक बंटी ग्रोवर,देवेंद्र सिंह खालसा, चेयरमैन परमात्मा सिंह,पाली सेठी,जस्सी,सिंह,पार्षद आरती शर्मा, रशपाल सिंह,सतविंदर सिंह,वीरेंद्र सिंह,प्रवीण अरोरा, सन्नी अरोरा, कुलविंदर सिंह आदि का सहयोग रहा।
गुरुद्वारा गुरु के ताल के बाहर बड़ी छवील लगाई गयी,जहाँ सुबह से मीठे शर्वत और छोले का वितरण हो रहा था, जो शाम तक अनवरत जारी रहा। गुरुद्वारा गुरु के ताल द्वारा ही विगत वर्षो की भांति सेंट्रल जेल पर कैदियों के लिए छवील लगायी गयी ।
मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी की अगुवाई मे समस्त सेवक जत्था मौजूद रहा।
रिपोर्ट-असलम सलीमी।