राजस्थान से आने वाले पानी को सहेजने के लिये सिंचाई विभाग से कार्य योजना बनवायी जायेगी:जिला पंचायत अध्यक्ष।
तेरहमोरी बांध को पानी लाने वाले वाटर चैनल दुरुस्त करवाने का प्रयास होगा।
हिन्दुस्तान वार्ता।
आगरा:राजस्थान से आने वाले पानी को यमुना नदी में होकर बहने से पूर्व यथा संभव सहेजने का प्रयास होगा।इसके लिये पुरानी जल संचय संरचनाओं की जानकारी लेकर उनके अनुरक्षण का प्रयास होगा।यह कहना है जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जिला सिंचाई बंधु की अध्यक्ष डॉ मंजू भदौरिया का ।
श्रीमती भदौरिया जो कि, सिविल सोसायटी के सचिव श्री अनिल शर्मा से आगरा के जनपद के जल संकट पर औपचारिक चर्चा कर रही थीं ने कहा कि खेती और पीने के लिये पानी अति जरूरी है,इसकी बर्बादी तो जरूर रोकी जा सकती है लेकिन जल दोहन रोकना सहज नहीं है। राजस्थान के पानी से अन्य कुछ नहीं तो उसे सहज कर अपने जनपद के जलस्तर में तेजी से आ रही गिरावट को जरूर थामा जा सकता है और गुणवत्ता को भी सुधारा जा सकता है।
तथ्य पत्र सामायिक जरूरत।
श्रीमती भदौरिया ने कहा कि सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के द्वारा दिये गये तथ्य पत्र में अनेक बिंदु स्वत:ही विचारणीय एवं सामायिक दृष्टिसे महत्वपूर्ण है।इनके बारे में सिंचाई विभाग से जानकारी मांगेंगी। जो जल संचय संरचनायें राजस्थान सीमा में हैं,उनके बारे में नवीनतम भरतपुर एवं भरतपुर जनपदों के प्रशासन से जानकारी मंगवायेंगी।
खनुआ बांध।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि आगरा के सीमांत खनुआ बांध के हेड और उसके एस्केप 'वाकोली' की दशकों बाद मरम्मत हो गयी है जिससे इस बार यहां जलशय (लगभग सात वर्ग किमी)के सर्जन की प्रबल संभावनाएं हैं।यह बांध राजस्थान की गंभीर नदी की टेल है और जनपद में सौ किमी बहने वाली उटंगन नदी का है। इसी प्रकार चिकसाना बांध के रैग्युलेटरों की भी मरम्मत हो चुकी इस लिये वहां भी जलाशय के रूप में बडी जलराशि संग्रहित होगी और रबी की अगेती बुबाई शुरू होते ही यह जलराशि भी खारी नदी में योगदान देने वाले चैनल में डिस्चार्ज कर दी जाएगी ।
तेरहमोरी बांध विश्वदाय स्मारक का अंतरिम भाग।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि अजान बांध से तेरह मोरी बांध तक पानी लाने वाले वाटर चैनल की मरम्मत करवाया जाना निहायत जरूरी है,तेरह मोरी बांध आगरा की खारी नदी का हेड होने के साथ ही पुरातत्व सर्वेक्षण भारत (ASI) की सूची में दर्ज हेरिटेज बांध है,इसका अनुरक्षण भी राष्ट्रीय धरोहर संरक्षण दायित्वों में है।
नमामी करौली मैय्या अभियान को समर्थन।
श्रीमती भदौरिया ने सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के 'नमामी करौली मैया अभियान ' के मूल उद्देश्यों से सहमति जताई और कहा कि अपने पद दायित्व और अधिकारों के दायरे में रहकर इस अभियान के समर्थन में जो कुछ संभव होगा करेंगी। वह समझती है कि अब गंगाजल पर अधिक समय तक निर्भर नहीं रहा जा सकता ।गंगा नदी में पानी की उपलब्धता और बढ़ते दबाव को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधि मण्डल में अनिल शर्मा और असलम सलीमी शामिल थे।
रिपोर्ट-असलम सलीमी।