श्रीमनःकामेश्वर गौशाला में गौचारण लीला में जीवंत हुआ द्वापर:आगे गायें,पाछें गायें, इत गायें,उत गायें…



 मोर−मुकुट धारण कर गौचारण को निकले ग्वाल बाल।

 गौ− ग्राम− ग्वाल और गोपाल की सजी अद्भुत झांकी।

 हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। अपने ज्येष्ठ संग प्रथमबार श्रीकृष्ण ने गोपाष्टमी के पावन दिवस पर गौचारण आरंभ किया। सजी धजी गइया मइया संग मोर मुकुट धारण कर गोपाल, ग्वाल की अद्भुत शाेभा जिसने देखी बस वो मंत्रमुग्ध हो गया। द्वापर युग की यही छवि नयनों को सुख दे रही थी गढ़ी ईश्वरा, दिगनेर, शमशाबाद रोड स्थित श्रीमनःकामेश्वर गौशाला प्रांगण में। 

सोमवार को गोपाष्टमी के अवसर पर यहां श्रीमनः कामेश्वर मंदिर मठ द्वारा गौचारण लीला आयोजित की गयी। गौशाला की सभी गाय और गोवंशाें को श्रृंगारित किया गया। स्थानीय बच्चाें को गोपाल स्वरूप में मोर मुकुट धारण करया गया। 

महंत श्री योगेश पुरी, मठ प्रशासक श्री हरिहर पुरी, भाजपा राष्ट्रीय समन्वयक संगठन किसान मोर्चा गौवंश पंचायती राज और पूर्व क्षेत्रीय संगठन महामंत्री हृदयनाथ सिंह और सूर्य प्रताप सिंह सहित उपस्थित लोगों ने विधिवत गोपूजन किया।

 महंत श्री योगेश पुरी ने गौ पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि अग्रतो ब्रह्म रुपाय,मध्यते विष्णु रूपिने, पृष्टतो रुद्र रुपाये, श्री गौ देव्ये नमोस्तुते। गौ माता में स्वयं त्रिदेवों का वास होता है।

 गौचारण लीला का दृश्य गोकुल और नंदगांव के कृष्ण कालीन दौर को जीवंत कर रहा था। आगे-आगे गौएं उनके पीछे-पीछे बांसुरी बजाते हुए श्याम सुन्दर तदन्तर बलराम और फिर श्रीकृष्ण के यश का गान करते हुए ग्वालबाल। इसके बाद गायों के लिए छप्पन भाेग प्रसादी हुई। दीपमालिका सजाकर कार्यक्रम का समापन किया गया। आयोजन के मुख्य यजमान पवन कृष्णा गुप्ता थे। ग्वाल बालों का श्रृंगार दीप्ति गर्ग और नाइसी मित्तल ने किया।

इस अवसर पर दिलीप भारद्वाज, उमा शंकर गुप्ता, मोहन माथुर, अर्चना दुबे, ममता भारद्वाज, कुमकुम, अन्ना, शिमला, अनु, राजकुमारी,भावना,शशि, गुंजन शर्मा, अनिरुद्ध गुरु, सुधीर यादव आदि उपस्थित रहे।