हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर ने अफ्रीका दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अफ्रीका और भारत के संबंध बहुत ही गहरे हैं और भारत ने अफ्रीका में अपने राजनयिक पदचिह्नों (डिप्लोमेटिक फुटप्रिंट) का विस्तार किया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया में सबसे अधिक आबादी और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश भारत हमेशा अफ्रीका को अपने स्वाभाविक साझेदार के रूप में देखता है। उन्होंने अपने संबोधन की एक विज्ञप्ति सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा आज नई दिल्ली में अफ्रीका दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुझे खुशी हो रही है। अफ्रीका हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रहेगा। हम विश्व बंधु होने की सच्ची भावना के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक संबंध की आशा करते हैं।
अपने संबोधन के दौरान भारत-अफ्रीका के बीच गहराते संबंधों का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा लोगों से लोगों के बीच संबंध अफ्रीका के साथ हमारे संबंधों का एक महत्वपूर्ण आयाम है और हमने 33 अफ्रीकी देशों को ई-वीजा सुविधाएं दी हैं। हमने 16 नए राजनयिक मिशनों के उद्घाटन के साथ अफ्रीका में अपने राजनयिक पदचिह्न का भी विस्तार किया है, जिससे महाद्वीप में भारतीय मिशनों की कुल संख्या 45 हो गई है।
उन्होंने बताया कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की हमारी भावना को ध्यान में रखते हुए भारत भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के तहत अफ्रीकी उम्मीदवारों को क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण प्रदान करने में भी सबसे आगे रहा है। पिछले 10 वर्षों में आईटीईसी के तहत भारत में लगभग 40 हजार अफ्रीकियों को प्रशिक्षित किया गया है।
जयशंकर ने कहा भारत सरकार ने 43 अफ्रीकी देशों में 206 परियोजनाएं पूरी की हैं और 65 परियोजनाएं भारतीय रियायती ऋणों के तहत कार्यान्वित की जा रही हैं, जिनका कुल परिव्यय 12.37 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)