हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
नई दिल्ली। कनाडा की संसद द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के सम्मान में मौन रखने के बाद एक स्पष्ट संदेश देते हुए, वैंकूवर स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने 1985 में एयर इंडिया कनिष्क एयरक्राफ्ट पर खालिस्तानी हमले के 329 पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक स्मारक सेवा (मेमोरियल सर्विस) की घोषणा की है।
कनाडा की संसद में मंगलवार को खालिस्तानी आतंकी निज्जर के लिए एक मिनट का मौन रखा गया था। इस बीच, भारत ने भी कनाडा को उसी अंदाज में माकूल जवाब देने का ऐलान कर दिया है। कनाडाई संसद की ओर से इस संवेदनशील मुद्दे पर चरम कदम उठाने के तुरंत बाद कनाडा के वैंकूवर में स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि उनकी ओर से रविवार (23 जून) को ‘कनिष्क’ बम धमाके में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया भारत आतंकवाद के खतरे के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे खड़ा है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। 23 जून, 2024 को शाम 6:30 बजे स्टेनली पार्क के सेपरले प्लेग्राउंड क्षेत्र में एयर इंडिया मेमोरियल में एक स्मारक सेवा निर्धारित की गई है। महावाणिज्य दूतावास आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए भारतीय प्रवासियों को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है।
23 जून 2024 को एयर इंडिया की उड़ान 182 (कनिष्क) पर कायरतापूर्ण आतंकवादी बम विस्फोट की 39वीं वर्षगांठ है, जिसमें 86 बच्चों सहित 329 निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। ये नागरिक उड्डयन के इतिहास में सबसे जघन्य आतंक-संबंधी हवाई आपदाओं में से एक है।
बता दें कि पिछले साल 18 जून को निज्जर की कनाडा के सरे में एक पार्किंग स्थल के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत ने निज्जर को गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत 'नामित आतंकवादियों' की सूची में डाल रखा था। कनाडा की ओर से भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया। हालांकि अभी तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता साबित की जा सके।
हाल ही में इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि भारत के साथ ‘कई बड़े मुद्दों पर तालमेल’ है और उन्हें भारत की नई सरकार के साथ बातचीत करने का ‘अवसर’ दिखाई दे रहा है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)