"एडवायजरी"आइए.जानें..'हीट स्ट्रोक' से,कैसे करें बचाव : डॉ.श्रेय सारस्वत,एम.बी.बी.एस.(DNB) एम.एफ.(होम्योपैथी)Std.London.



हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा : सुप्रसिद्ध युवा चिकित्सक, डॉ.श्रेय सारस्वत, जो एम.बी.बी.एस (DNB) एवं एम.एफ़.(होम्योपैथी)Std.London हैं। जो एम्स,अपोलो आदि में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने जनहित में "हीट स्ट्रोक" से बचाव हेतु,एडवाइजरी जारी की है।

उन्होंने मीडिया को बताया कि वर्तमान में हीट वेव के कारण हो रहे हीट स्ट्रोक से पब्लिक को सावधान रहने की जरूरत है।अगर बाहर की गर्मी के कारण आपके शरीर का तापमान 104 डिग्री F. या 40 डिग्री C. से अधिक हो जाता है तो उसे हीट स्ट्रोक का नाम दिया जाता है।

हीट स्ट्रोक के लक्षण :

कमजोरी आना, ज्यादा पसीना आना, दिल की धड़कन बढ़ जाना, उल्टी-दस्त होना, चक्कर आना,बेहोश होना आदि अगर इन लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये बीमारी"हीट स्ट्रोक" में बदल जाती है और इस समय पेशेंट को अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत पड़ती है। अगर आपका तापमान 104 डिग्री F. से ऊपर है,बीपी कम हो रहा है, सांस लेने में परेशानी हो रही है, उल्टी दस्त बंद नहीं हो रहे हैं, दौरे आना आदि  को नजरअंदाज ना करें। तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें 

बचने के उपाय :

धूप में कम निकले,भरपूर मात्रा में शुद्ध  जल पिएं।भरपूर मात्रा में पानी पीने के साथ-साथ इन दिनों नारियल पानी लेना भी बेहतर है, इसमें कई सारे पोषक तत्व होते हैं जिससे इलेक्ट्रोलाइट्स,जैसे सोडियम, पोटेशियम आदि मिल जाता है। गर्मी में लगातार पसीना निकलने से शरीर में नमक की कमी हो जाती है। नारियल पानी ले रहे हैं,तो इससे काफी राहत मिल जाती है। दूसरा,अगर उल्टी या दस्त की समस्या हो रही है तो ओआरएस का घोल या घर में ही शिकंजी बना सकते हैं।अगर ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं है,तो इसमें थोड़ा नमक डाल सकते लें। बाहर के बजाय घर में ही ताजे फलों का जूस निकालें। दही और लस्सी का सेवन भी करें। ऐसा करने से डिहाइड्रेशन से तो बचेंगे ही,साथ ही इससे पेट को भी ठंडक मिलेगी।

हीट स्ट्रोक में होम्योपैथिक मेडिसिन काफी कारगर है। इसके अच्छे परिणाम देखे गए हैं। 

मेडिसिन - ग्लोनाइन 200 (Glonoine 200)

इसकी तीन बूंदे,दिन में एक बार,लगातार तीन दिन तक। बेहतर परिणाम हेतु चिकित्सक से परामर्श आवश्यक।