एमईएस बिल्डर्स एसोसिएशन का देशभर में विरोध दिवस,आगरा में रखीं 12 सूत्रीय मांगें

 


− सुरक्षा,सुविधा और कुशलता के लिए एमईएस बिल्डर्स ने उठाई देशभर में आवाज

− कमांडर वर्क्स इंजीनियर आफिस में एकत्र हुए एमईएस सदस्य,
 हड़ताल रख जताया विराेध 

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। देश की सुरक्षा में तैनात सेना के लिए आधारभूत सड़क, बिल्डिंग, आफिस आदि का निर्माण करने वाले स्वयं सुरक्षा और सुविधा के लिए हड़ताल पर आने को मजबूर हो गए। 

शुक्रवार को एमईएस बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पंजीकृत), आगरा शाखा के सदस्यों ने विरोध दिवस मनाया। जिसके अन्तर्गत अपनी 12 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन शुक्रवार को ताज रोड स्थित कमांडर वर्क्स इंजीनियर आफिस,आगरा और कमांडर वर्क्स इंजीनियर आफिस एयरफोर्स पर दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जीएस मगो ने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष पूर्व में संस्था अपनी मांगें रख चुकी है। उन्होंने समस्या समाधान के लिए आश्वस्त किया था किंतु अभी तक समाधान नहीं मिला। इसलिए पूरे देश में शांतिपूर्ण विरोध का आह्वान किया गया। 

आगरा शाखा के सचिव एके उपाध्याय ने बताया कि एमईएस बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पंजीकृत) के सदस्य अपनी समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर पूरे भारत में विरोध दिवस आयोजित कर हड़ताल पर हैं। इसी क्रम में आगरा शाखा के सदस्य भी अपनी आवाज उठा रहे हैं। संस्था के अनुभवी सदस्यों ने कुछ प्रमुख मुद्दों को उठाया है। जिनका समाधान हम तत्काल चाहते हैं वरना संस्था के सदस्य आर्थिक रूप से संकट में आ जाएंगे। 

इस अवसर पर आगरा शाखा उपाध्यक्ष जगदीश चंद्रा, जेएस मगो, विनीत गुप्ता, दिनेश अग्रवाल, तपन मखीजा, विजय अग्रवाल, सत्य प्रकाश कोहली, तरुण खिरवार, अरुण खिरवार, जेजे सिंह, अमीन खान, किशाेर हीरा, सहदेव सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, पुनीत अग्रवाल, एसएस यादव, अश्वनी उपाध्यय, संजीव खिरवार, एसपी कोहली, रजनीश हीरा, मनोज गुप्ता, वीरेंद्र पोनिया आदि उपस्थित रहे। 

ये रखीं गयी हैं मांगें : 

पुर्ननामांकन के लम्बित प्रकरणों का अनुमोदन।  अनुशंसा के अनुसार निष्पादन सुरक्षा की 50% राशि जीई द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने पर वापस हो जाए और 

विभिन्न वर्गों में पंजीकृत ठेकेदारों की निविदा सीमा में वृद्धि हो। पुनर्वर्गीकरण प्रक्रिया पूरी होने तक 'ई' श्रेणी के ठेकेदारों को 25 लाख से 50 लाख रुपये तक के मूल्य की निविदाएं जारी की जाएं। व्यापक रखरखाव अनुबंध को अपनाने पर नीति बने। आईएफए के कार्यान्वयन के कारण निविदाओं की स्वीकृति में असामान्य देरी बंद हो। 

महत्वपूर्ण नीतिगत मामलों पर मुख्यालय द्वारा जारी निर्देश कार्यान्वयन नहीं हो रहे। एमईएस में अकुशल ठेकेदारों के प्रवेश पर अंकुश लगाने के लिए 'ई' श्रेणी में सूचीबद्ध प्राधिकारी की समीक्षा जोनल/कमांड मुख्य अभियंता द्वारा की जाए। नव सूचीबद्ध ठेकेदारों द्वारा अव्यवहारिक दरों का एक प्रमुख मुद्दा है।

मध्यस्थों की नियुक्ति में देरी की जा रही है। सीजीडीए के अनुसार निविदा की लागत न लेने के लिए नीति पत्र जारी हो।