आगरा:सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन हेतु,प्रो.(डॉ.)रुचिका गर्ग का नाम"इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स"में अंकित



एस.एन.मेडिकल कॉलेज में सर्वाइकल कैंसर से बचाव की पहल को मिली सराहना

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा : महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद,होने वाला सबसे अधिक कैंसर,सर्वाइकल कैंसर है। इससे बचाव के लिए सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में सराहनीय पहल की जा रही है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता के मार्गदर्शन और सहयोग से सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए जागरूकता अभियान और वैक्सीनेशन का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए अभियान की जिम्मेदारी संभाल रहीं एसएन मेडिकल कॉलेज की गायनिक विभाग में प्रोफेसर डॉ.रुचिका गर्ग का "इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स" में नाम अंकित किया गया है। उन्होंने कई सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन कैम्पों का आयोजन कर,अभी तक सबसे ज्यादा मेडिकल छात्राओं का वैक्सीनशन कराया है।

डॉ.रुचिका गर्ग ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए दो विशाल कैंप का आयोजन किया गया। पहला कैम्प 3 मार्च 2024 को लगाया गया। दूसरा कैम्प 9 मई 2024 को लगाया गया। दोनों शिवरों में 250 मेडिकल की छात्राओं ने सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाईं। उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूकता और बचाव के लिए यह पहल की गई है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानकारी और उसके बचाव के लिए आगे आएं । 

डॉ.रुचिका गर्ग ने कहा कि जिन महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उनको कैंसर का रिस्क रहता है। इसलिए ऐसा जरूरी नहीं  कि जिस महिला में एचपीवी वायरस है,उसको सर्वाइकल कैंसर हो जाएगा,लेकिन अगर सही समय पर एचपीवी वैक्सीन लगवा लें तो इस कैंसर से काफी हद तक बचाव सम्भव है। 90 प्रतिशत से अधिक,बच्चों (लड़कियों) की काउंसलिंग,एचपीवी रिलेटिड सर्वाइकल कैंसर से बचाव करती है।

बच्चेदानी के मुँह के कैंसर की वैक्सीन 9 से 26 साल तक की उम्र में दी जाती है, लेकिन डॉक्टर से सलाह करके वैक्सीन,45 साल तक भी दिया जा सकता है। जितनी कम उम्र में इसे लिया जाए उतना अच्छा होता है। 

डॉ.रूचिका गर्ग ने सभी लोगों से अपील करते हुए कहा है कि भले ही यह वैक्सीन थोड़ी महंगी है और आपको स्वयं खरीद के लगवानी है,लेकिन सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए और आपके स्वास्थ्य के लिए स्वयं विचार कर जागरूक बनें। जितनी जल्दी हो सके सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाएं।

सर्वाइकल कैंसर से बचाव की वैक्सीन, 9 से 26 वर्ष की महिलाओं को भारतीय सर्वावैक वैक्सीन डोज लगाई जाती है। 

डॉ.रुचिका गर्ग ने बताया कि इससे पहले इस तरह का इनीशिएटिव नहीं लिया गया था। एक साथ 250 मेडिकल छात्राओं ने सर्वाइकल कैंसर से बच्चों के लिए वैक्सीन लगवाई। उन्होंने बताया कि इतनी ज्यादा बच्चों की काउंसलिंग करना कोई आसान काम नहीं था,लेकिन सर्वाइकल कैंसर से महिलाओं को बचाने के जज्बे ने मुझे अपने लक्ष्य पर अग्रसर किया। मेडिकल छात्रों को सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक किया,साथ ही काउंसलिंग भी की।क्योंकि सर्वाइकल कैंसर के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है। लोगों को सर्वाइकल कैंसर के लिए जागरूक करना बहुत जरूरी है। 9 से 26 वर्ष की महिलाओं को भारतीय सर्वावैक और गार्डासिल वैक्सीन लगाई जाती है। 26 से 45 वर्ष की महिलाओं को भी वैक्सीन दी सकती है। नौ से 14 साल तक की किशोरियों को वैक्सीन की दो डोज दी जाती हैं। 15 से ऊपर 45 साल तक तीन डोज एचपीवी की तीन डोज लगाई जाती है। यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर से 98% बचाव करती है। इसी क्रम में पाँच जुलाई को एसएन मेडिकल कॉलेज में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए,तीसरे कैम्प का आयोजन किया गया।

सर्वाइकल कैंसर के कारण,जोखिम को बढ़ाते हैं :

• ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV वायरस जो कि सेक्स से होता है), इसका प्रमुख कारण है) - यह एक यौन संचारित वायरस है,जिसके 100 से ज्यादा प्रकार में लगभग 14 प्रकार सर्वाइकल कैंसर का कारण बनते हैं।

• असुरक्षित यौन संबंध :

एचपीवी से संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से यह फैलता है,साथ ही जो महिलाएं एक से ज्यादा पार्टनर के साथ यौन संबंध बना चुकी हैं या जो कम उम्र में यौन संबंध बना चुकी है,उनमें सर्वाइकाल कैंसर का खतरा अधिक होता है।

• गर्भधारण :

जो महिलाएं तीन या तीन से ज्यादा बच्चों को जन्म दे चुकी है,उनमें इस कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है।

• गर्भ निरोधक गोलियां : 

ज्यादा समय तक गर्भ निरोधक गोलियों का प्रयोग करने से भी कैंसर के जोखिम को बढ़ावा मिलता है।

• यौन संचारित बीमारियां सिफलिस,गोनोरिया या क्लैमाइडिया से संक्रमित हो चुकी महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है।

• धूम्रपान करना।

• ज्यादा समय तक तनाव ग्रस्त रहना।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण :

• संभोग के बाद ब्लीडिंग होना। 

• अनियमित पीरियड्स आना।

• माहवारी बन्द (मेनोपॉज) होने के बाद फिर से ब्लीडिंग होना। इसके मुख्य लक्षण हैं । 

• ज्यादा रक्तस्राव होना।

• गंदा बदबूदार पानी आना,अगर गंदा बदबूतर पानी महामारी बन्द (मेनोपॉज) होने के बाद आता है,तो सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना होती है l

• लेट स्टेज में पैर में सूजन होना,वजन कम हो जाना,किडनी फेल हो जाना आदि।