इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.पूनम कुमरिया का सहयोग प्रशंसनीय
हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
दिल्ली : विश्व हिंदी परिषद तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्त्वावधान में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के विषय "हिंदी का वैश्विक परिदृश्य : विविध आयाम" पर विभिन्न विशेषज्ञ और विद्वानों ने अपने अनुभव साझा किए l संगोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ नेता एवं पूर्व लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद के.सी. त्यागी द्वारा की गई। संगोष्ठी मे विशिष्ट अतिथि के रूप मे राज्यसभा सांसद श्रीमती संगीता बलवंत, मुख्य वक्ता विश्व हिंदी परिषद के शैक्षणिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. पूरनचंद टंडन की उपस्तिथि रही।
संगोष्ठी का आरंभ मुख्य अतिथि के रूप में महामहिम राज्यपाल,हरियाणा बंडारू दत्तात्रेय के लिखित संदेश से किया गया। वरिष्ठ नेता के.सी त्यागी ने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में हिंदी के आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका रही है। स्वाभिमानी भारत की भाषा हिंदी है और यह हमारे गौरव,पहचान,पूर्वजों, भावों और विचारों की भाषा है। श्रीमती संगीता बलवंत ने कहा कि हिंदी विश्व भर में बस रहे भारतवासियों की संस्कृतिक भाषा है,जिसकी लंबी ऐतिहासिक परंपरा है और यही हिंदी भाषा की शक्ति है जो विश्व के धरातल पर अपना स्थान दिन प्रतिदिन उच्च शिखर पर ले जा रही है। भाषा व्यक्ति के हृदय पर अभिव्यक्ति के लिए उगी हुई फसल है जिससे प्रतिभा की भूख मिट सके,संस्कृति को पोषण मिल सके।
विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.विपिन कुमार ने कहा कि परिषद के समर्पित प्रयास से हिंदी अब जल्द ही विश्व भाषा बनेगी। विश्व हिंदी परिषद के शेक्षणिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. पूरनचंद टंडन ने कहा कि जब कोई भाषा नष्ट होती है तो उसकी संस्कृति विरासत भी नष्ट होती है। हिंदी ने विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है और प्रभावी भारतीयों का भी इसमें बहुत बड़ा योगदान है। सोशल मीडिया ने भी हिंदी के प्रचार कार्य को शक्ति प्रदान की है और उन्होंने केबीसी का उदाहरण देते हुए कहा कि 12 बार कौन बनेगा करोड़पति सफल होना भी हिंदी के प्रचार प्रसार का एक प्रमाण है।
संगोष्ठी में इंद्रप्रस्थ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.पूनम कुमरिया ने हिंदी भाषा के वैश्विक प्रासंगिकता तथा इसे सशक्त बनाने के तरीके पर अपने विचारों को साझा किया। उन्होंने हिंदी को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जानकारी दी कि किस प्रकार उनके प्रयासों द्वारा उनकी महाविद्यालय की छात्राएं विदेशी विद्यार्थियों को हिंदी पढ़ाने का कार्य कर रही है और इस दिशा मे इनकी यह अनूठी पहल है।
विश्व हिंदी परिषद के शैक्षणिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.संध्या वात्स्यायन ने सभी हिंदी प्रेमियों का स्वागत किया उन्होंने बताया कि विश्व हिंदी परिषद पूरे देश में कार्यकारिणी विस्तार का कार्य करेगा और साथ ही विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एक सशक्त कार्यकारिणी बनाई जाएगी।
इस सुअवसर पर विश्व हिंदी परिषद के शेक्षणिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में प्रो.प्रदीप कुमार एवं प्रो.ममता और राष्ट्रीय महामंत्री प्रो.रामनारायण पटेल अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। दिल्ली प्रांत के संयोजक के रूप में प्रो.श्रीनिवास त्यागी,अध्यक्ष प्रो. हर्षबाला शर्मा,उपाध्यक्ष डॉ.प्रतिभा राणा एवं डॉ.दीनदयाल और महामंत्री डॉ.प्रीति तोमर को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समन्वय विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ.श्रवण कुमार ने किया।
संगोष्ठी के अंत मे विभिन्न सम्मानों अतिथियों से नवाज़ा गया,विश्व हिंदी सेवा सम्मान अवधेश कुमार सिंह,प्रख्यात लेखक एवं कवि को दिया गया। नोएडा इकाई से विश्व हिंदी परिषद के अध्यक्ष कुसुमपाल सिंह को सम्मानित किया गया। नोएडा इकाई से विश्व हिंदी परिषद के महामंत्री ब्रह्मदत्त शर्मा को हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए सम्मानित किया गया। हिरत के द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। संगोष्ठी के अंत मे विश्व हिंदी परिषद के शैक्षणिक प्रकोष्ठ के दिल्ली प्रान्त अध्यक्ष प्रो.हर्षवाला शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से समाप्त किया गया।