− लघु उद्योग भारती ने मनाया 32 वां स्थापना दिवस,प्रारंभ होगा वृहद औद्योगिक दृष्टि-अध्ययन,नीरी करेगी सहयोग
− तीन उद्यमियों को दिया गया लघु उद्योग रत्न सम्मान,औद्योगिक नीति, नवाचार और राष्ट्र निर्माण पर हुआ विमर्श
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। ताजनगरी को औद्योगिक नगरी के रूप में प्रदेश के साथ पूरे भारत में तेजी से स्थापित करने में सशक्त रूप से आगे बढ़ रही लघु उद्योग भारती ने 32 वां स्थापना दिवस आयोजित किया।
होटल क्लार्क्स शिराज में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमइ) समूह सम्मेलन एवं सम्मान समारोह भी रखा गया। साथ ही औद्योगिक नीति, नवाचार और राष्ट्र निर्माण पर विमर्श हुआ।
दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
समारोह के मुख्य अतिथि पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लघु उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। जब यह क्षेत्र सशक्त होगा,तभी भारत आत्मनिर्भर बन सकेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी राज्य बन चुका है और उद्यमियों को पूर्ण सुरक्षा और सहयोग प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष,उप्र लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग (दर्जा राज्यमंत्री) ने कहा कि लघु उद्योग भारती ने प्रदेश भर में स्वरोजगार की चेतना जागृत की है। संगठन नीति निर्माण से लेकर ज़मीनी स्तर तक सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
विशिष्ट अतिथि विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने लघु उद्योग भारती की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे संगठन सरकार और उद्योग जगत के बीच मजबूत सेतु का कार्य करते हैं। विधानमंडल के माध्यम से आवश्यक नीतिगत सहयोग प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।
विधान परिषद सदस्य विजय शिवहरे ने आगरा के उद्योगों की अंतरराष्ट्रीय पहचान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यावरणीय सीमाओं के बावजूद उद्योगों ने उत्कृष्ट कार्य किया है, और लघु उद्योग भारती इस पहचान को और सशक्त करेगा।
संस्था के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने कहा कि संगठन उद्यमिता को राष्ट्रनिर्माण का माध्यम मानता है। योजना है कि हर जनपद में उद्योगों को क्षेत्रीय संसाधनों के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाए।
प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ने बताया कि संगठन नीति, पोषण और पहचान के तीन स्तंभों पर कार्य कर रहा है,जिससे एमएसएमइ क्षेत्र को मजबूती मिल सके।
जिला अध्यक्ष विजय गुप्ता ने संगठन की 32 वर्षों की यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि संगठन ने वैचारिक उद्यमिता से शुरुआत की और अब नीति निर्माण में भूमिका निभा रहा है। 1999 में भारत सरकार के लघु उद्योग मंत्रालय की स्थापना संगठन के प्रयासों का परिणाम रही। संगठन को वित्त मंत्रालय, भारतीय रिज़र्व बैंक व व्यापार बोर्ड में प्रतिनिधित्व प्राप्त है। टीटीजेड से संबंधित समस्याओं पर संगठन ने लगातार राज्य व केंद्र सरकार के समक्ष विषय उठाए हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आगरा में नीरी संस्था के सहयोग से एक वृहद औद्योगिक दृष्टि-अध्ययन प्रारंभ किया जाएगा। संगठन व औद्योगिक क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए स्व. अरुण बंसल (मरणोपरांत), शांति स्वरूप गोयल और किरण धवन को 'लघु उद्योग रत्न' सम्मान प्रदान किया गया।
महासचिव राजीव बंसल ने कार्यक्रम का संचालन किया और कोषाध्यक्ष संजीव जैन ने आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में उपाध्यक्ष अरविंद शुक्ला, दिनेश गुप्ता, शैलेश गुप्ता, सचिव अंकुर अग्रवाल, समक्ष जैन, सौरभ गुप्ता आदि उपस्थित रहे।