माँ पीताम्बरा की चौकी में गूंजे भक्ति रस के सुर,प्राकट्य दिवस पर होगा पांच कुंडीय यज्ञ



- दतिया पीठ के महंत याज्ञवल्क्य शास्त्री विशेष रूप से होंगे उपस्थित

- पंच कुंडीय यज्ञ में आहुतियां देंगे सैकड़ो भक्त,बैंड बाजे के साथ होगी आरती 

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। वजीरपुरा स्थित प्राचीन सीताराम मंदिर में माँ पीताम्बरा सेवा समिति द्वारा आयोजित मां पीताम्बरा प्राकट्य उत्सव एवं वार्षिकोत्सव का शुभारंभ शनिवार सायं माता की भव्य चौकी से हुआ। संगीतमय भजनों की प्रस्तुति और दीपमय वातावरण में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में भक्ति अर्पित की। मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया था, जहां माता के दिव्य श्रृंगार और फूल बंगले के दर्शन ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मंदिर के महंत अनंत उपाध्याय ने बताया कि मां पीताम्बरा का यह उत्सव श्रद्धा,साधना और सामूहिक शक्ति का प्रतीक है। उत्सव का मुख्य आयोजन सोमवार को सम्पन्न होगा,जिसमें दतिया पीठ के महंत याज्ञवल्क्य शास्त्री जी विशेष रूप से पधारेंगे और पांच कुंडीय यज्ञ का नेतृत्व करेंगे।

पंडित मुकेश शर्मा ने बताया कि प्राकट्य उत्सव का मुख्य उद्देश्य मां पीताम्बरा की साधना और तंत्र परंपरा को जनमानस तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सोमवार को पंचद्रव्य और औषधियों से मां का अभिषेक,भव्य श्रृंगार, पोशाक दर्शन और फूल बंगला सजाया जाएगा। यज्ञ में 1100 मालाओं के मंत्र जाप के साथ सैकड़ों श्रद्धालु आहुतियां देंगे, जिससे वातावरण पूर्णतः आध्यात्मिक और ऊर्जावान होगा। हवन के बाद कन्या पूजन एवं भंडारा होगा साथ ही प्रातः एवं संध्या आरती बैंड बाजे के साथ होगी।

आयोजन समिति के सदस्य अरुण उपाध्याय ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष हवन कुंड बनाए गए हैं और सभी को समय पर पहुंचने का आग्रह किया गया है।

इस अवसर पर मनीष अग्रवाल,डॉ.संजीव नेहरू,अजय उपाध्याय,मोहित,आयुष, लता, ममता, वंदना, अन्ना गुरु, पंकज शास्त्री, राजपाल मिश्रा, ऋषि अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

प्राकट्य दिवस का महत्व : 

मां पीताम्बरा वाणी,विजय और आत्मबल की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनका प्राकट्य दिवस साधना,ऊर्जा जागरण और संकट नाश का विशेष अवसर होता है। साधकों के लिए यह दिन सिद्धि प्राप्ति हेतु अत्यंत शुभ माना जाता है।