नेशनल चैम्बर की फायर विभाग के उप निदेशक,मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ अनिमेश सिंह,मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ विश्वरूप बनर्जी के साथ बैठक का आयोजन


                      

                      


 15 दिन के अंदर अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की है समय सीमा।

शीघ्र लांच होने जा रहा है निवेष मित्र पोर्टल-2

 निवेश मित्र पोर्टल-2 सीधा कनेक्ट होगा मुख्यमंत्री कार्यालय से

 निवेश मित्र पोर्टल-2 पर अपलोड एनओसी की फाइल की मॉनिटरिंग करे सकेंगे

प्रत्येक माह में विभाग कराएगा फायर जागरूकता कार्यक्रम

इंडस्ट्रियल क्षेत्र को विभाग द्वारा षीघ्र उपलब्ध करायेगा 18000 ली.के फायर वाटर टैंक।

एनओसी हेतु भूस्वामी अपलोड कर सकता है बुनियादी मानचित्र

अग्निकांड होने के बाद फायर की रिपोर्ट की है ऑनलाइन सुविधा।

 ईदगाह फायर स्टेशन नं. 9454418449 पर कर सकते हैं आपातकालीन फोन।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा : 25 जून,नेशनल चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल की अध्यक्षता में फायर विभाग समन्वय प्रकोष्ठ के चेयरमैन नीरज अग्रवाल द्वारा उपनिदेशक एवं मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ अनिमेश सिंह,मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ विश्वरूप बनर्जी के साथ बैठक का आयोजन होटल होली डे-इन में किया गया। बैठक का संचालन पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने किया।  फायर विभाग समन्वय प्रकोष्ठ के चेयरमैन नीरज अग्रवाल द्वारा मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ अनिमेश सिंह को 10 सूत्रीय प्रतिवेदन दिया गया। उपनिदेशक एवं मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ अनिमेश सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा 15 दिन के अंदर अनापत्ति प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। विभाग द्वारा एनओसी हेतु यदि मानक पूरे नहीं होते हैं,एक बार ऑब्जेक्शन लगाया जाता है,बार-बार ऑब्जेक्शन लगाकर उद्यमी एवं व्यापारी का उत्पीडन नहीं किया जाता है। विभागीय स्तर पर एनओसी 15 दिन से अधिक समय तक लम्बित नहीं रख सकते हैं। एनओसी लम्बित रहने पर उ.प्र.शासन द्वारा सम्बन्धित अधिकारी से पूछताछ की जाती है।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ विश्वरूप बनर्जी ने कहा कि उद्यमी एवं व्यापारी हित के लिए शीघ्र ही निवेश मित्र पोर्टल-2 प्रारम्भ होने जा रहा है जिसमें शासन द्वारा और अधिक पारदर्शिता नीति को अपनाते हुए एनओसी की फाइल अपलोड होने पर किस-किस स्तर/अधिकारी पर फाइल चल रही है, इसकी मॉनीटरिंग उद्यमी इस पोर्टल के माध्यम से कर सकते हैं। यह पोटर्ल सीधा मुख्यमंत्री से जुडा रहेगा। विभाग द्वारा वीडियो क्रॉफेंसिंग के माध्यम से उद्यमियों को जागरूक करायेगा। सरकार की मंशा है कि हर क्षेत्र एमएसएमई का विकास होने से देश की जीडीपी में बढ़ोतरी होती है। फायर फाइटर सिस्टम आपकी सुरक्षा के लिये है।

चीफ फायर अधिकारी आगरा देवेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि फायर की एनओसी के लिये प्रमाणित मानचित्र की आवश्यकता नहीं है। भूस्वामी के पास जो नक्शा है वह अपलोड कर सकता है। इसके लिये सरकार द्वारा प्रमाणित मनचित्र की आवश्यकता नहीं है। आग लगने की सूचना देने वाले व्यक्ति पर किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही नहीं की जाती है। भवन खेतीवाडी में आग लगने पर विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। केवल कॉमर्शियल परिसर में आग लगने के पश्चात बैंक में ट्रेजरी के माध्यम से सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क लिया जाता है। फायर की रिपोर्ट ऑनलाइन की जाती है।

उपनिदेशक एवं मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ अनिमेश सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा शीघ्र ही औद्योगिक क्षेत्रों के लिये 18000 ली0 के 02 फायर टैंक मुहैया कराये जायेंगे। किसी भी फायर इमरजेन्सी होने पर ईदगाह कन्ट्रोल रूम नं0 9454418449 पर कॉल कर सकते हैं। विभाग द्वारा सभी विभागों से समन्वय किया जाता है। किसी भी जनपद से अतिरिक्त वाटर टैंक मांगने पर कोई भी विभागीय औपचारिकता नहीं होती है। विभाग द्वारा अंडर मॉर्डन कॉन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिसमें फायर वाटर टैंक को सेट किया जा सकता है।

फायर अधिकारी संजीव सिंह व सोमदत्त सोनकर ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों के पार्कों में बोरिंग का सुझाव की सराहना करते हुए कहा गया कि शीघ्र ही इस पर सकारात्मक कार्यवाही की जायेगी।

बैठक में चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल, उपाध्यक्ष द्वय संजय कुमार गोयल, विवेक जैन, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल, फायर विभाग समन्वय प्रकोष्ठ के चेयरमैन नीरज अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल,राजकुमार अग्रवाल, पू.अध्यक्ष,मनीष अग्रवाल,अमर मित्तल, सदस्य राजीव गुप्ता,अतुल कुमार गर्ग,रूपकिशोर अगव्राल, दुश्यंत गर्ग, अम्बा प्रसाद गर्ग, सुरेश चंद बंसल, सचिन गुप्ता, संजय अरोरा, नीरज गुप्ता, रवि वर्मा, राहुल राना, हरिओम अग्रवाल, प्रदीप गर्ग, मोहित महाजन, गोपाल प्रसाद खंडेलवाल, विवेक, सतीश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, अभिषेक कुमार दूबे, राजेन्द्र कुमार अग्रवाल, गिरीश गोयल, राजेन्द्र गर्ग, रविशंकर अग्रवाल, शेलेश अग्रवाल, सौरभ कुमार, अनुज विकल, अखिल मोहन मितल, केशव दत गुप्ता आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।