श्री जगन्नाथ मंदिर में पाण्डव निर्जला एकादशी महोत्सव पर कमल पुष्पों से सजा मंदिर,भगवान का भी कमल पुष्पों से किया गया श्रंगार,हरिनाम के लगे जयकारे
हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
आगरा। श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर में कमल पुष्पों की शीतलता बिखरी थी। भक्तों के मुख पर हरिनाम के अखण्ड संकीर्तन की स्वरलहरियां और आंखों में अपने आराध्य को एकटक निहारने की लालसा। ढोलक और मृदंग पर हरे राम, हरे कृष्णा...की धुन पर झूमते नाचते श्रद्धालु कमला नगर स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर (इस्कान) में आज भक्तिभाव के साथ पाण्डव निर्जला एकादशी महोत्सव व कमल मनोरथ का आयोजन किया गया। जहां भक्तों को कमल मनोरथ व पाण्डव निर्जला एकादशी के महत्व के साथ हरिनाम की भक्ति की शक्ति का महत्व समझाया गया।
आज शाम 4 बजे से रात 9 बजे मृदंग,मंजीरों संग अखण्ड संकीर्तन का आयोजन किया गया। प्रातः मंदिर के अध्यक्ष अरविन्द प्रभु ने पाण्डव निर्जला एकादशी कथा का महत्व समझाते हुए कहा कि वर्ष की सभी एकादशी में निर्जला एकादशी का महत्व सबसे अधिक है। कभी भूखा न रहने वाले पाण्डव पुत्र भीम ने इस एकादशी का व्रत रखा था। निर्जला एकादशी का व्रत करने से वर्ष की सभी एकादशी का फल प्राप्त होता है। वहीं भक्तों ने ऑनलिन जुड़कर भगव्त गीता के 18 अध्याय का पाठ किया। तपती गर्मी में कमल मनोरथ के तहत भगवान का श्रंगार कमल पुष्पों से किया गया।बहन सुभद्रा व भाई बलराम संग श्रीहरि को कमल पुष्पों से सुसज्जित गुलाबी रंग की पोशाक से सजाया गया। कमल व मोहरे के पुष्पों और जगमग रोशनी से मंदिर परिसर अलौकिक आभा बिखेरता नजर आ रहा था, जहां हर भक्त अपने आराध्य को निहारने के लिए उत्सुक था।
इस अवसर पर मुख्य रूप से तरुण शर्मा, वंदना शर्मा, शाश्वत नंदलाल, शैलेश प्रभु,सुशील अग्रवाल,नितेश अग्रवाल, देवकेशव प्रभु, हिमांशु, अदिति गौरांगी,राजेश उपाध्याय आदि उपस्थित थे।