मोहर्रम की 8 तारीख को आगरा के प्रसिद्ध फूलों के ताज़िए पर शाम से ज़ायरीनों का लगा रहा तांता

मसर्रतो के खजाने ही कम निकलते है,

किसी भी सीने को खोलो तो गम निकलते हैं।

यह कर्बला की ज़मी है इसे सलाम करो,

यहाँ ज़मीन से पत्थर भी नम निकलते हैं।

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा :  मोहर्रम की 8 तारीख को आगरा के प्रसिद्ध फूलों के ताज़िए पर शाम से ज़ायरीनों का तांता लगा रहा। अकीदतमन्दों ने अपनी मुरादो के फूल चढ़ाकर मन्नते-दुआये मांगी। आगरा के अलावा बाहर के शहरों से भी आए ज़ायरीनों ने फूल चढ़ाकर मन्नतों के धागे ताज़िए पर बांध कर दुआये माँगी। जगह-जगह पर सोज़ो सलाम के प्रोग्राम किए गए। जगह-जगह शर्बत व पानी की सबीले लगाए और तबर्रुक-प्रसाद बांटा गया। फूलों के ताज़िए पर ज़ायरीनों की भीड़ उमड़ी जिसमें महिलाए,बच्चे,बुजुर्ग शामिल थे। 

ताज़ियेदारों में हाजी चौधरी सरफराज खान ,चौधरी ज़ुऐब खान,अला उद्दीन ,एम ए काज़मी,नवेद आदि विशेष रुप से उपस्थित रहे।

रिपोर्ट - असलम सलीमी