हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
फतेहपुर। मुहर्रम माह की नवीं तारीख को करबला के मैदान में इस्लाम धर्म को बचाने के लिए पैगम्बर मोहम्मद रसूलअल्लाह (स० अ०) के नवाशे और बीबी फातिमा व शेरे खुदा मौला अली के बेटे हज़रत इमाम हुसैन के साथ उनके 71 साथियों ने हक़ और बातिल की लड़ाई लड़ते हुए लईन यजीद की 22000 फौज के सामने अपना सर कटवाकर इस्लाम को जिंदा कर दिया जिससे आज तक इस्लाम दुनिया में कायम है लेकिन हुसैन को कत्ल करने वालों का नामो निशान तक बाकी नहीं है। इन्हीं करबला वालों के याद में हर मुस्लिम इलाके में मुहर्रम को मनाया जाता है। इन्हीं क़रबला वालों की शहादत की याद में अंजुमन कमेटी सुल्तानपुर घोष के युवाओं द्वारा शनिवार को नवीं मुहर्रम के मौके पर इजूरा मोड पर लंगर के रूप में शरबत वितरण किया गया। शरबत को राहगीरों को पिलाया गया।
इस मौके पर मुफ्ती अशफ़ाक आलम इलाहाबादी,वरिष्ठ पत्रकार एवं साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान, मोहम्मद जुबैर, इरशाद अहमद, सरफराज आलम, मोहम्मद कैफ, तंजील शेख, सुहैल, मुरसलीन, फ़ैज़ान, मुजनबीन, दानिश, अरमान, रेहान, अमान, उजैर, नसीम, नूर अता, शाद मोहम्मद नूर, इम्तियाज सलमानी, जसीम, अतीक, अयान, अजीम, फ़िरदौश, अदनान, आसिफ, समीर सहित दर्जनों की तादाद में लोग उपस्थित रहे।