प्र.शिक्षाविद,साहित्कार जितेन्द्र रघुवंशी जी के 74 वें जन्म दिवस पर उन्हें किया याद

 

                    

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

जितेन्द्र रघुवंशी जी के 74 वें जन्म दिवस पर उन्हें याद किया गया। उनकी याद में बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर में भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ।

इस अवसर पर पटना से प्रसिद्ध रंगकर्मी और शिक्षाविद् डॉ.जावेद अख्तर खान ने शिक्षाविद,प्र.साहित्कार जितेन्द्र रघुवंशी जी के कृतित्व-व्यक्तिव पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि वे बहु प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व थे।उन्होंने शिक्षा जगत ,समाज को जो सेवाएं दीं,वे सराहनीय हैं। 

उन्होंने सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की प्रसिद्ध रचना 'राम की शक्ति पूजा' का प्रभावी पाठ करते हुए बताया कि निराला जी ने इस कविता की रचना 1936 में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान की थी। अतएव इस पृष्ठभूमि को याद रखना जरूरी है। राम की कथा पौराणिक काल की है,जिसकी सत्यता को नहीं जांचा जा सकता,लेकिन राम जन जन में रचे बसे हैं,लोक में प्रचलित हैं। राम की शक्ति पूजा के राम सहज मानव हैं जो विष्णु के अवतार होते हुए भी निराश हैं और अन्याय के विरुद्ध लड़ रहे हैं।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो जयसिंह नीरद ने की। उन्होंने कहा कि जितेन्द्र रघुवंशी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उनके कार्यक्रम को आगरा के प्रबुद्ध लोगों को करना चाहिए। शुरू में प्रो. ज्योत्स्ना रघुवंशी ने जितेन्द्र रघुवंशी के जीवन के बारे में रोचक जानकारी दी। 

धन्यवाद ज्ञापन भावना जितेन्द्र रघुवंशी ने किया और ये जानकारी दी कि कथादेश पत्रिका द्वारा जितेन्द्र रघुवंशी स्मृति कहानी प्रतियोगिता आयोजित की जारही है,इच्छुक जन भाग ले सकते हैं।मानस रघुवंशी और प्रमोद सारस्वत ने अतिथियों का स्वागत किया।

कार्यक्रम में प्रो.कमलेश नागर,अनिल शुक्ल,प्रो.नसरीन बेगम,अनिल शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

रिपोर्ट - असलम सलीमी