हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
भुवनेश्वर। विश्व हिंदी परिषद,ओडिशा प्रांत द्वारा राजभवन परिसर स्थित अभिषेक हॉल में एक भव्य हिंदी सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओडिशा के महामहिम राज्यपाल डॉ.कंभमपति हरि बाबू ने हिंदी को ज्ञान, विज्ञान और नवाचार की भाषा के रूप में विकसित करने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।
राज्यपाल ने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं,बल्कि राष्ट्रीय एकता की नींव है। उन्होंने इसकी भावनात्मक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने पर बल देते हुए कहा कि “हिंदी को विज्ञान,नवाचार तथा राष्ट्र निर्माण का सशक्त माध्यम बनाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने परिषद द्वारा हिंदी सेवा और वैश्विक स्तर पर भाषा के प्रचार-प्रसार में किए जा रहे दीर्घकालिक प्रयासों की सराहना की।राज्यपाल ने यह भी कहा कि हिंदी भारत की विविध संस्कृतियों को जोड़ने वाला भावनात्मक सेतु है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषा व क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा महत्वपूर्ण निर्णय है,जो राष्ट्र के युवाओं को विश्व–स्तरीय पहचान दिलाएगा।
समारोह में विश्व हिन्दी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री एवं पद्मभूषण आचार्य यर्लगद्दा लक्ष्मी प्रसाद ने कहा:“हिन्दी भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि भारत की सभ्यता, संस्कृति और संवेदना का जीता-जागता स्वरूप है। आज दुनिया भारत की उभरती हुई शक्ति को स्वीकार कर रही है और इसी के साथ हिन्दी का सम्मान भी बढ़ रहा है। हमारे युवाओं में हिन्दी के प्रति गर्व देखना अत्यंत सुखद है। हम सभी का संकल्प है कि आने वाले वर्षों में हिन्दी न केवल वैश्विक कूटनीति और ज्ञान-विज्ञान की प्रमुख भाषा बने, बल्कि विश्व के मन और विचार में नेतृत्वकारी भूमिका निभाए।”पद्मभूषण आचार्य यर्लगद्दा लक्ष्मी प्रसाद आचार्य ने बताया कि परिषद विश्वभर में हिंदी के प्रसार हेतु प्रवासी भारतीयों, शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक संगठनों और डिजिटल मंचों से मिलकर एक सुदृढ़ अभियान चला रही है।
विश्व हिन्दी परिषद् के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. विपिन कुमार ने कहा:“सभी भारतीय भाषाओं के सहयोग से हिंदी बहुत जल्द विश्व मंच पर प्रमुख स्थान प्राप्त करेगी और विश्व भाषा के रूप में स्थापित होगी। ओडिशा प्रांत की सक्रिय टीम ने जिस ऊर्जा के साथ यह आयोजन किया, वह हिंदी सेवा की प्रेरणादायी मिसाल है।
समारोह में विश्व हिन्दी परिषद के मुख्य संयोजक एवं राज्यसभा सांसद श्रीमती ममता मोहंता ने कहा कि वह ओडिशा में हिंदी और सांस्कृतिक गतिविधियों के विस्तार के लिए परिषद को हर संभव सहयोग देंगी।स्वागत भाषण विक्रमादित्य सिंह, अध्यक्ष, विश्व हिंदी परिषद ओडिशा प्रांत ने दिया,जबकि धन्यवाद ज्ञापन देवी प्रसाद मिश्र द्वारा किया गया।इस अवसर पर एम्स भुवनेश्वर के अनुवाद अधिकारी गोविंद चौधरी की पुस्तक “विकसित भारत का सफर” का विमोचन महामहिम राज्यपाल के कर–कमलों से हुआ।कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन डॉ. मंजुश्री वेदुला ने किया।द्वितीय सत्र में ओड़िया–कत्थक नृत्य प्रतिभाओं सोनाली राय एवं निकिता श्रीवास ने मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। इसके बाद देशभर के प्रतिष्ठित कवियों — आशीष कुमार विद्यार्थी, रितु महिपाल, बंशीधर मिश्रा, मनीष कुमार पांडेय, ए. कृष्णा राव, कृष्णा प्रजापति तथा विक्रमादित्य सिंह ने ओजपूर्ण काव्य पाठ किया,जिसने श्रोताओं को गहरी भावनाओं से जोड़ दिया।
भुवनेश्वर में सम्पन्न यह आयोजन हिंदी भाषा,भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय एकता का प्रेरक पर्व बन गया,जिसने ओडिशा में हिंदी की रचनात्मक और जन-सांस्कृतिक ऊर्जा को नई दिशा प्रदान की।


